Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव से पहले राज्य में SIR का मुद्दा गरमाया हुआ है. इसी कड़ी में विपक्ष पार्टियां संसद के अंदर और बाहर सरकार का विरोध कर रही हैं.
Bihar Election 2025 : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता और विपक्ष के बीच में जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है. लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान विपक्ष लगातार अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं और अब संसद परिसर में भी I.N.D.I.A ब्लॉक लगातार बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) का विरोध कर रहा है. कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) समेत विभिन्न दलों के सांसदों ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा SIR के खिलाफ संसद भवन के परिसर में विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही विपक्ष ने दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
कई दलों के नेताओं ने जताया विरोध
वहीं, दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी पार्टियों कांग्रेस, DMK, TMC, समाजवादी पार्टी, JMM, RJD और वामपंथी दलों के सांसदों ने मकर द्वार के बार इकट्ठा होने के बाद सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बिहार SIR के खिलाफ अपना विरोध जताया. इस दौरान सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क, टीएमसी के कीर्ति आजाद और DMK के ए राजा समेत शीर्ष नेताओं ने ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘वोटबंदी बंद करो’ जैसे नारे भी लगाए. इसके अलावा उनके सामने एक विशाल बैनर भी लगा हुआ था जिस पर ‘SIR- लोकतंत्र पर वार’ लिखा था.
The cornerstone of any functioning democracy is the conduct of free and fair elections. The Special Intensive Revision is a sinister attempt to disenfranchise millions, especially the poor and vulnerable.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 24, 2025
This is NRC by stealth, a backdoor citizenship verification drive… pic.twitter.com/RwfPrRcd0E
लोकतंत्र की आधारशिला निष्पक्ष चुनाव कराना
बता दें कि ये सभी सांसद मकर द्वार की सीढ़ियों पर कतार में खड़े होकर तीसरे दिन भी लगातार विरोध कर रहे हैं. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की इस कवायद का उद्देश्य सिर्फ राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले आम लोगों को मताधिकार से वंचित करना है. इसी कड़ी में लोकसभा में डिप्टी लीडर गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने कहा कि यह अजीब है कि विपक्ष के तीन दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह SIR पर चर्चा करेगी या नहीं. वे चुप हैं. वे लोगों को उनके मताधिकार से वंचित कर रहे हैं.
वहीं, टीएमसी ने विपक्ष के विरोध को पोस्ट करते हुए एक्स पर लिखा कि किसी भी सुचारू लोकतंत्र की आधारशिला स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है. विशेष गहन पुनरीक्षण लाखों लोगों, खासकर गरीबों और कमजोर लोगों को मताधिकार से वंचित करने का एक भयावह प्रयास है. यह एक गुप्त एनआरसी है, एक गुप्त नागरिकता सत्यापन अभियान जिसे मतदाता सूची अद्यतन के नाम पर चलाया जा रहा है. पार्टी ने आगे कहा कि हमारे सांसदों ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया है, और यह तो बस शुरुआत है. हम लोकतंत्र को कमजोर करने और असली भारतीय नागरिकों से उनकी आवाज़ और वोट छीनने की हर कोशिश का विरोध करेंगे.
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