India-US Trade Agreement: दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक व्यापारिक प्रगति की उम्मीद. यह समझौता भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है.
India-US Trade Agreement: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर भारत के 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि यह समझौता भारत के लिए एक “बड़ा सहारा” साबित होगा. उन्होंने इसे विदेशी निवेशकों के लिए भारत को और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाने वाला कदम बताया है, जिससे देश में व्यापक उदारीकरण का रास्ता खुलेगा.
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता बनेगा गेम चेंजर
पनगढ़िया ने न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता न सिर्फ निवेश बढ़ाएगा, बल्कि इससे भारत को अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों तक सीधी और सुगम पहुंच मिलेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के साथ व्यापार समझौते भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण स्थान दिला सकते हैं.
टैरिफ में कमी और आर्थिक उदारीकरण की ओर कदम
पनगढ़िया ने कहा कि इस समझौते के तहत भारत को अपने आयात शुल्क (टैरिफ) में कमी करनी होगी, जिससे वास्तविक आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत होगी. उन्होंने इसे भारत के लिए अवसरों की बारिश बताया, जो देश को प्रतिस्पर्धी और खुले बाज़ार की दिशा में ले जाएगा.
निवेशकों के लिए भारत बनेगा केंद्र बिंदु

समझौते के बाद भारत को अमेरिका और यूरोप जैसे बड़े बाजारों में बेहतर पहुंच मिलेगी. इससे भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन जाएगा क्योंकि सीमा शुल्क जैसी अड़चनें कम हो जाएंगी. इससे भारत की आर्थिक विश्वसनीयता और निवेश का माहौल बेहतर होगा.
‘विक्सित भारत’ की ओर बढ़ते कदम
पनगढ़िया ने ‘विक्सित भारत 2047’ लक्ष्य का भी उल्लेख किया और कहा कि यदि भारत 7.8% की वार्षिक दर से विकास करता रहा, तो 2047 तक विकसित देश बनने का सपना साकार हो सकता है. उन्होंने भारत की तेज़ी से बढ़ती डिजिटल और फिज़िकल इंफ्रास्ट्रक्चर, युवा जनसंख्या और बचत दर को भारत की ताकत बताया.
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत
भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पनगढ़िया ने कहा कि मौजूदा विकास दर को देखते हुए भारत अगले तीन वर्षों में जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता न सिर्फ भारत के लिए निवेश आकर्षण का जरिया बनेगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में एक नया अध्याय भी खोलेगा. इससे भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत स्थान मिलेगा और ‘विक्सित भारत 2047’ का सपना और साकार होता दिखाई देगा. अरविंद पनगढ़िया के मुताबिक, यह समझौता भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है.
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