Home Top News लोकसभा में आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गरमाएगा सियासी तापमान; राजनाथ के हाथ कमान

लोकसभा में आज ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गरमाएगा सियासी तापमान; राजनाथ के हाथ कमान

by Jiya Kaushik
0 comment
Rajnath-Singh-on-Operation-Sindoor

Debate on Operation Sindoor: नजरें अब संसद पर टिकी हैं, जहां एक ओर सरकार ‘विजय’ की गाथा सुनाना चाहती है, वहीं विपक्ष इसकी ‘सच्चाई’ जानना चाहता है.

Debate on Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर में हुए ऐतिहासिक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर आज लोकसभा में राजनीतिक सरगर्मी चरम पर पहुंचने वाली है. दोपहर 12 बजे से शुरू होने जा रही इस बहस में केंद्र और विपक्ष आमने-सामने होंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बहस की शुरुआत करेंगे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की भी पूरी संभावना जताई जा रही है. यह बहस करीब 16 घंटे तक चल सकती है.

राजनाथ सिंह की बड़ी रणनीतिक तैयारी

इस अहम चर्चा से पहले रक्षा मंत्री ने लगातार कई उच्च स्तरीय बैठकों की कमान संभाली. CDS जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख और रक्षा सचिव के साथ बैठक में यह तय किया गया कि लोकसभा में सरकार का पक्ष किस तरह रखा जाएगा. ऑपरेशन से जुड़े सभी दस्तावेज संसद में रखे जाएंगे.

पीएम मोदी भी दे सकते हैं सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अभियान को देश की सैन्य आत्मनिर्भरता का उदाहरण बता चुके हैं. आज की बहस में वह इस ऑपरेशन के रणनीतिक, तकनीकी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर भी बात कर सकते हैं. सरकार की कोशिश रहेगी कि ऑपरेशन सिंदूर को राष्ट्रीय गौरव के रूप में पेश किया जाए.

विपक्ष ने भी कसी कमर

विपक्षी गठबंधन INDIA ने सरकार से जवाब लेने के लिए संयुक्त रणनीति बनाई है. सुबह विपक्षी दलों की अहम बैठक बुलाई गई जिसमें यह तय किया गया कि पारदर्शिता, राजनीतिक उद्देश्य और सैन्य ऑपरेशन की जानकारी सार्वजनिक करने को लेकर सरकार को घेरा जाएगा.

क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’?

यह सैन्य ऑपरेशन 6-7 मई की दरमियानी रात को उस आतंकी हमले का जवाब था, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ था. यह ऑपरेशन महज 22 मिनट में पूरा किया गया और इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. मोदी सरकार ने इसे ‘विजय उत्सव’ बताते हुए स्वदेशी रक्षा तकनीक की बड़ी जीत कहा.

क्या बहस से निकलेगा कोई बड़ा संदेश?

संसद में होने वाली यह लंबी बहस सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई पर चर्चा नहीं, बल्कि 2025 के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में सरकार की सुरक्षा नीति, सेना की भूमिका और विपक्ष की जवाबदेही पर बड़ा संदेश भी होगी. सवाल यह है कि क्या यह बहस आम सहमति की ओर बढ़ेगी, या फिर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच उलझ जाएगी?

यह भी पढ़ें: Stampede: हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर में भगदड़; 8 की मौत, 30 घायल, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?