Home Top News दुश्मन की खैर नहीं! भारत ने किया प्रलय मिसाइल का परीक्षण, जानें कितनी दूर तक दुश्मन होगा ध्वस्त

दुश्मन की खैर नहीं! भारत ने किया प्रलय मिसाइल का परीक्षण, जानें कितनी दूर तक दुश्मन होगा ध्वस्त

by Vikas Kumar
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Pralay Missile

भारत ने नव-विकसित टेक्टिकल मिसाइल प्रलय का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. अहम ये है कि ये एक्सप्लोसिव पार्ट को ले जाने में सक्षम है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण सोमवार और मंगलवार को ओडिशा के तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया.

Pralay Missile: भारत ने नव-विकसित टेक्टिकल मिसाइल प्रलय का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. अहम ये है कि मिसाइल के एक्सप्लोसिव पार्ट को ले जाने में सक्षम है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण सोमवार और मंगलवार को ओडिशा के तट से दूर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया. प्रलय एक कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है जिसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किलोग्राम है.पारंपरिक वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम इस मिसाइल की मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है.

राजनाथ सिंह ने की सराहना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और परियोजना में शामिल संबंधित उद्योग भागीदारों की सराहना करते हुए कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह मिसाइल सशस्त्र बलों को खतरों के खिलाफ और अधिक तकनीकी बढ़ावा देगी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मिसाइल प्रणाली की अधिकतम और न्यूनतम सीमा क्षमता की पुष्टि के लिए उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के एक भाग के रूप में ये उड़ान परीक्षण किए गए. खबर है कि मिसाइलों ने निर्धारित प्रक्षेप पथ का सटीक अनुसरण किया और सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा करते हुए सटीक सटीकता के साथ लक्ष्य बिंदु पर पहुंची. एक बयान में कहा गया, “सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन किया, जिसका सत्यापन एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात विभिन्न ट्रैकिंग सेंसरों द्वारा प्राप्त परीक्षण आंकड़ों के आधार पर किया गया, जिसमें निर्दिष्ट प्रभाव बिंदु के पास स्थित जहाज पर तैनात उपकरण भी शामिल थे.”

मंत्रालय ने दी ये जानकारी

मंत्रालय ने कहा, “प्रलय एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है जो उच्च परिशुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक मार्गदर्शन और नेविगेशन का उपयोग करती है.” इस प्रणाली को अनुसंधान केंद्र इमारत ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं – जैसे उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला, आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला, टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) के सहयोग से विकसित किया है. इस परियोजना में उद्योग भागीदारों में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और कई अन्य एमएसएमई शामिल थे. खबर है कि पड़ोस के बढ़ते खतरे के बीच प्रलय मिसाइल भारत की और अधिक मजबूती का पर्याय बनकर उभरेगी. अहम ये है कि हाल ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हुआ था. चीन के साथ भी भारत के संबंध मधुर नहीं रहे हैं. ऐसे में इन देशों को खतरे को भांपते हुए सैन्य क्षमता बढ़ाना जरूरी है.

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