लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे. प्रियंका गांधी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद किसी ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया.
Congress Leader Priyanka Gandhi on Operation Sindoor: संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस जारी है. विपक्ष लगातार बहस में केंद्र पर वार कर रहा है तो वहीं केंद्र भी लगातार पलटवार करने में जुटा है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मंगलवार को संसद में अपनी राय रखी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि नेतृत्व का मतलब सिर्फ श्रेय लेना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी लेना भी होता है. उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉन्ल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा प्रधानमंत्री की “गैरजिम्मेदारी” को दर्शाती है.
युद्ध क्यों रोका गया?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में “भारत के मजबूत, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर” पर लोकसभा में एक विशेष चर्चा में भाग लेते हुए, प्रियंका गांधी ने कहा, “सदन में मेरी मां के आंसुओं की बात की गई, मैं इसका जवाब देना चाहती हूं. मेरी मां के आंसू तब गिरे, जब उनके पति को आतंकवादियों ने शहीद किया, जब वे सिर्फ 44 साल की थीं. आज मैं इस सदन में खड़ी होकर उन 26 लोगों की बात इसलिए कर रही हूं, क्योंकि मैं उनका दर्द जानती हूं और उसे महसूस करती हूं. क्या लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की ज़िम्मेदारी नहीं है? क्या सरकार को नहीं पता था कि हजारों पर्यटक बैसरन घाटी जाते हैं. वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया गया? क्या किसी सरकारी एजेंसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि इतना भयानक आतंकी हमला होने वाला है और पाकिस्तान में इसकी साजिश रची जा रही है? ये हमारी सरकार और ख़ुफिया एजेंसियों की बड़ी नाकामी है. इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या किसी ने इस्तीफा दिया है? वे अतीत की बात करते रहते हैं, लेकिन वर्तमान में क्या हो रहा है, इसका जवाब कौन देगा.”
‘जंग को क्यों रोका गया?’
प्रियंका गांधी ने कहा, “गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास शरण में आने के बजाए कोई चारा नहीं था. सवाल है- आपने शरण दी क्यों? आतंकी हमारे देश में आकर लोगों को मार डालते हैं और आप उन्हें शरण दे रहे हैं. आपने इस बात का जवाब अपने एक भी भाषण में क्यों नहीं दिया? जैसे ही शरण की बात उठी, गृह मंत्री इतिहास में चले गए. वे नेहरू जी, इंदिरा जी से लेकर मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए. लेकिन इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि सीजफायर क्यों हुआ, जंग क्यों रुकी?”
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