केंद्र ने ये सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि केंद्र का हिस्सा किसानों के खातों में जमा हो. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जगन सरकार ने लगातार तीन वर्षों तक फसल बीमा नहीं दिया, लेकिन सरकार ने अपना हिस्सा समय पर दिया.
Shivraj Singh Chouhan on Fasal Bima: केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने सदन को बताया कि आंध्र प्रदेश की पिछली जगन सरकार ने राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं दिया था. राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाला द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने दिया. शिवराज चौहान ने कहा कि राज्य सरकारें अपना हिस्सा नहीं दे रही हैं, जबकि कुछ राज्य भुगतान में देरी कर रहे हैं.
दी गई ये अहम जानकारी
केंद्र ने ये सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि केंद्र का हिस्सा किसानों के खातों में जमा हो. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जगन सरकार ने लगातार तीन वर्षों तक फसल बीमा नहीं दिया, लेकिन सरकार ने अपना हिस्सा समय पर दिया. चौहान ने सदन को बताया कि अगर राज्य समय पर अपना हिस्सा नहीं देते हैं, तो उन्हें अपने हिस्से के साथ 12% ब्याज भी जमा करना होगा. बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
क्या है फसल बीमा योजना?
फसल बीमा किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, रोगों और अन्य जोखिमों से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए दिया जाता है. यह एक वित्तीय सुरक्षा कवच है जो किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की स्थिति में मुआवजा प्रदान करता है, ताकि वे अपनी आजीविका बनाए रख सकें. भारत जैसे देश में, जहां कृषि मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर है, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, तूफान या असामयिक बारिश फसलों को नष्ट कर सकती है. ऐसी परिस्थितियों में फसल बीमा किसानों को आर्थिक संकट से उबरने में मदद करता है.
क्या है इसका उद्देश्य?
फसल बीमा का उद्देश्य किसानों को जोखिम प्रबंधन में सहायता प्रदान करना, कृषि में निवेश को प्रोत्साहित करना और उनकी आय को स्थिर करना है. यह किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों में निवेश करने का आत्मविश्वास देता है, क्योंकि उन्हें नुकसान की चिंता कम होती है. इसके अलावा, फसल बीमा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, क्योंकि यह किसानों को कर्ज के जाल में फंसने से बचाता है. भारत में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) जैसी योजनाएं कम प्रीमियम पर व्यापक कवरेज प्रदान करती हैं. यह योजना फसल की बुआई से लेकर कटाई तक के जोखिमों को कवर करती है. बीमा राशि फसल के प्रकार, क्षेत्र और जोखिम के आधार पर निर्धारित की जाती है. इससे किसानों को न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलती है, बल्कि वे आत्मनिर्भर और सशक्त भी बनते हैं.
ये भी पढ़ें- डिंपल यादव पर विवादित बयान देने पर पिट गए मौलाना रशीदी, SP कार्यकर्ताओं ने बरसाए थप्पड़
