असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मालेगांव विस्फोट मामले पर आए अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस को घेरा है. सीएम सरमा ने कहा कि एक खास समुदाय को खुश करने के लिए कांग्रेस ने ये शब्द गढ़ा था.
Himanta Biswa Sarma Malegaon blast case verdict: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि मालेगांव विस्फोट के सभी सात आरोपियों को बरी करने वाले फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसा कोई शब्द ही नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि “कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता.” सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा था कि दर्शनशास्त्र से कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता और अदालत के फैसले ने हिंदू आतंकवाद की अवधारणा को भी खारिज कर दिया है.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक खास समुदाय को खुश करने के लिए गढ़ा था.
क्या बोले सीएम सरमा?
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “हिंदू दर्शन, संस्कृति, सभ्यता या किसी भी धार्मिक ग्रंथ ने कभी किसी को आतंकवादी बनने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया है. हिंदू और आतंक दो बिल्कुल विपरीत अवधारणाए हैं, और ये एक साथ नहीं चल सकतीं. मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है और “‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द पर हमारी लंबे समय से चली आ रही आपत्ति एक बार फिर पुष्ट हुई है.”
17 साल बाद आया फैसला
महाराष्ट्र के मालेगांव विस्फोट के लगभग 17 साल बाद, एक विशेष अदालत ने गुरुवार को पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ “कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत” नहीं है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन दोषसिद्धि नैतिक आधार पर नहीं हो सकती, विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने मामले के सभी सात आरोपियों को बरी करते हुए कहा. 29 सितंबर, 2008 की रात को पवित्र रमजान महीने और नवरात्रि की पूर्व संध्या पर मालेगांव में एक विस्फोटक विस्फोट में छह लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हुए थे. मालेगांव विस्फोट पर आए अदालत के फैसले के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस समेत राहुल गांधी और सोनिया गांधी को घेर रहे हैं. बीजेपी के अन्य मुख्यमंत्रियों ने भी पोस्ट के जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस को घेरा और राहुल गांधी-सोनिया गांधी से माफी की मांग कर दी. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी पारा और भी हाई होगा. विपक्षी नेता भी फैसले पर आपत्ति जता रहे हैं.
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