Home राज्यDelhi दिल्ली के निजामुद्दीन में दरगाह की दीवार गिरने से 5 की मौत, 4 गंभीर, नमाज के लिए जा रहे थे दरगाह

दिल्ली के निजामुद्दीन में दरगाह की दीवार गिरने से 5 की मौत, 4 गंभीर, नमाज के लिए जा रहे थे दरगाह

by Sanjay Kumar Srivastava
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Delhi accident

Nizamuddin Accident: संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि लोग शुक्रवार की नमाज के लिए दरगाह जा रहे थे. जब यह घटना हुई तब बारिश के कारण वे कमरे के अंदर बैठे थे.

Nizamuddin Accident: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में शुक्रवार शाम हादसे में पांच लोगों की जान चली गई, जबकि चार गंभीर घायल हो गए. हादसा हुमायूं के मकबरे के पास एक दरगाह की दीवार गिरने से हुआ. पुलिस ने बताया कि कुल नौ घायलों को एम्स (AIIMS) ट्रॉमा सेंटर भेजा गया और एक को एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया. संयुक्त पुलिस आयुक्त संजय कुमार जैन ने संवाददाताओं को बताया कि अब तक पता चला है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहे पांच लोगों की मौत हो गई और अन्य का अभी भी इलाज चल रहा है. हमने इलाके की घेराबंदी कर दी है. उन्होंने कहा कि लोग शुक्रवार की नमाज के लिए दरगाह जा रहे थे. जब यह घटना हुई तब बारिश के कारण वे कमरे के अंदर बैठे थे. उन्होंने कहा कि घटना के बारे में अपराह्न 3.55 बजे कॉल आने के बाद कुल 10 से 12 पीड़ितों को मलबे से बचाया गया. घटना के बाद दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS), दिल्ली पुलिस, एनडीआरएफ (NDRF) और दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) समेत कई बचाव एजेंसियों को मौके पर तैनात किया गया.

बचाव में उतरा NDRF

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्टेशन हाउस ऑफिसर और स्थानीय कर्मचारी पांच मिनट के भीतर वहां पहुंच गए और बचाव कार्य शुरू कर दिया. कुछ देर बाद दमकल कर्मी और सीएटीएस एंबुलेंस भी मौके पर पहुंच गईं. एनडीआरएफ (NDRF) भी बचाव कार्य में जुट गया. उन्होंने आगे कहा कि बचाव अभियान अभी भी जारी है. डीएफएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुरुआत में कहा था कि मकबरे के गुंबद के एक हिस्से के ढहने की सूचना मिली थी, जिसके बाद दमकल की पांच गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह घटना 16वीं सदी के स्मारक के मुख्य गुंबद से नहीं, बल्कि परिसर के भीतर एक छोटे से कमरे से जुड़ी थी. एक प्रत्यक्षदर्शी विशाल कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मैं हुमायूं मकबरे में काम करता हूं. जब हमने शोर सुना, तो मेरे सुपरवाइजर दौड़ते हुए आए. हमने लोगों और प्रशासन को बुलाया. धीरे-धीरे हमने फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला.

करीब 12 लोग थे कमरे में

कमरे में करीब 12 लोग मौजूद थे. इमाम भी वहीं थे और घायलों में वे भी शामिल हैं. मैंने कम से कम आठ से नौ लोगों को बाहर निकाला है. एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने कहा कि मैं बाहर खड़ी थी और कमरे में प्रवेश करने ही वाली थी कि उससे बस दो कदम की दूरी पर थी. जैसे ही बारिश शुरू हुई, सभी लोग अंदर शरण लेने चले गए. उन्होंने पीटीआई को बताया कि तभी दीवार गिर गई. मैं चिल्लाती रही और फिर आस-पास के कुछ लोग आए और अंदर फंसे सभी लोगों को बचाने में हमारी मदद की.

हुमायूं के मकबरे को कोई नुकसान नहीं

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हुमायूं का मकबरा राष्ट्रीय राजधानी का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है. हुमायूं के मकबरे को कोई नुकसान नहीं हुआ है. हुमायूं के मकबरे के पास एक नया ढांचा बनाया जा रहा था, उसका एक हिस्सा ढह गया है, और उसका कुछ हिस्सा हुमायूं के मकबरे की दीवारों पर भी गिरा है. हुमायूं के मकबरे के जीर्णोद्धार का काम करने वाली संस्था आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर (AKTC) के संरक्षण वास्तुकार रतीश नंदा ने कहा कि हुमायूं के मकबरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

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