Union Home Minister Amit Shah: विधेयकों में गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों के लिए गिरफ्तार किए गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया.
Union Home Minister Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश की जनता को यह तय करना होगा कि किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का जेल में रहते हुए सरकार चलाना उचित है या नहीं. शाह ने यह बात लोकसभा में तीन विधेयक पेश करने के कुछ घंटों बाद कही. इन विधेयकों में गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों के लिए गिरफ्तार किए गए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने का प्रावधान है, जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया. मसौदा कानूनों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया. गृह मंत्री ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को कानून के दायरे में लाने के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाए और दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में पूरा विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. विपक्ष कानून के दायरे से बाहर रहने, जेल से सरकार चलाने और सत्ता के प्रति अपने मोह को न छोड़ने के लिए विरोध कर रहा है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार सख्त
उन्होंने हिंदी में एक्स पर कई पोस्ट में कहा कि अब देश की जनता को यह तय करना होगा कि किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का जेल में रहते हुए सरकार चलाना उचित है या नहीं . शाह ने कहा कि देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के आक्रोश को देखते हुए उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष की सहमति से संसद में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्र व राज्यों के मंत्री जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद जेल में रहते हुए सरकार नहीं चला सकते. उन्होंने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के गिरते स्तर को ऊपर उठाना और राजनीति में ईमानदारी लाना है. इन तीन विधेयकों के माध्यम से जो कानून अस्तित्व में आएगा, वह इस प्रकार है: कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार और जेल में रहते हुए, केंद्र या राज्य सरकार के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में शासन नहीं कर सकता.
30 दिनों के भीतर अदालत में होना होगा पेश
उन्होंने कहा कि जब संविधान बनाया गया था, तब हमारे संविधान निर्माताओं ने कल्पना भी नहीं की होगी कि भविष्य में ऐसे राजनीतिक व्यक्ति होंगे जो गिरफ्तार होने से पहले नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं देंगे. गृह मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में देश में एक आश्चर्यजनक स्थिति पैदा हो गई है जहां मुख्यमंत्री या मंत्री बिना इस्तीफा दिए जेल से अनैतिक रूप से सरकार चलाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधेयक में एक प्रावधान भी शामिल है जो किसी आरोपी राजनेता को जमानत लेने की अनुमति देता है. गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर अदालत में पेश होना होगा. उन्होंने कहा कि यदि वे 30 दिनों के भीतर जमानत प्राप्त करने में विफल रहते हैं, तो 31वें दिन या तो प्रधानमंत्री या राज्यों के मुख्यमंत्री उन्हें उनके पदों से हटा देंगे, या वे स्वचालित रूप से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए कानूनी रूप से अयोग्य हो जाएंगे.
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