Home Top News ‘चुनाव आयोग RSS का एजेंडा लागू कर रहा’, माकपा बोली- SIR के लिए विपक्ष से बात नहीं की गई

‘चुनाव आयोग RSS का एजेंडा लागू कर रहा’, माकपा बोली- SIR के लिए विपक्ष से बात नहीं की गई

by Sachin Kumar
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SIR Against Protest

SIR Against Protest : चुनाव आयोग की तरफ से करवाए गए एसआईआर को लेकर वामपंथी दलों ने भी मोर्चा खोल दिया है. पार्टी ने कहा कि SIR सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है.

SIR Against Protest : आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) किया. इसका विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और कह रहा है कि यह प्रत्यक्ष रूप से लोकतंत्र पर हमला है, नागरिकों को गैर-नागरिक बनाने की साजिश रची जा रही है. इसी कड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने बुधवार को कहा कि चुनाव आयोग देश में RSS के एजेंडे को लागू करने में लगा हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में घुसपैठियों की मौजूदगी का जिक्र करते हुए एजेंडा सेट करने की कोशिश की.

SIR शुरू से ही विवादों में रहा

सीपीआई (एम) ने 18 अगस्त को पार्टी पोलित ब्यूरो की एक बैठक के बाद बुधवार को जारी एक बयान में दावा किया कि बिहार में SIR शुरू से ही विवादों में रहा है. साथ ही इसकी घोषणा से पहले राजनीतिक दलों से भी विचार-विमर्श नहीं किया गया. पार्टी ने आगे कहा कि एसआईआर में घर-घर जाकर गणना करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई थी, जिसके साथ 11 दस्तावेजों में से किसी एक के साथ एक लिखित आवेदन जमा करना था, जिनमें से अधिकांश का बिहार में बहुत कम कवरेज है. उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में इसका मतलब यही है कि एक नई प्रक्रिया थी जिसमें बिना दस्तावेज वाले नागरिकों को गैर-नागरिक माना जाता था और उनका नाम स्वत: ही हटा दिया जाता था. यह आर्टिकल 326 और सार्वभौमिक मताधिकार के सिद्धांत का पूर्ण उल्लंघन था.

EC ने विपक्ष के आश्वासन को खारिज कर दिया

पार्टी ने कहा कि विपक्षी दलों ने सामूहिक रूप से इलेक्शन कमीशन से मुलाकात की, लेकिन उन्हें बिना किसी आश्वासन को खारिज कर दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया. इसके बाद शोधकर्ताओं ने बताया कि मताधिकार में सबसे ज्यादा वंचित होने वाले लोगों में महिलाएं, अल्पसंख्यक और गरीब परिवार शामिल हैं. वामपंथी दलों ने दावा किया कि बिहार में इस प्रक्रिया को लेकर व्यापक असंतोष है. सभी विपक्षी दल इस प्रक्रिया का विरोध करने के लिए एकजुट हो गए हैं. चुनाव आयोग का पक्षपातपूर्ण चरित्र जो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से तथाकथित घुसपैठियों के खिलाफ दिए गए अपने संबोधन में व्यक्त किए गए आरएसएस के एजेंडे को लागू कर रहा है.

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