Home Top News मोहन भागवत ने कहा- 40,000 वर्षों से एक समान है भारतवासियों का DNA, साझा संस्कृति पर जोर

मोहन भागवत ने कहा- 40,000 वर्षों से एक समान है भारतवासियों का DNA, साझा संस्कृति पर जोर

by Sanjay Kumar Srivastava
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RSS chief Mohan Bhagwat

RSS chief Mohan Bhagwat: भारत माता के प्रति समर्पण तथा पूर्वजों की परंपराओं का सम्मान निहित है. भागवत ने कहा कि हमारा DNA भी एक है और सद्भाव में रहना हमारी संस्कृति का हिस्सा है.

RSS chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि संघ हिंदू राष्ट्र के लिए काम करता है, लेकिन इस हिंदू राष्ट्र का अर्थ केवल हिंदुओं से नहीं है बल्कि यह हिंदुस्तान में रहने वाले सभी लोगों के लिए है. कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोगों की साझा परंपराएं और विरासत ही हमें जोड़ती हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विशाल भूभाग पर 40,000 वर्षों से अधिक समय से रहने वालों का DNA एक जैसा है. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित “आरएसएस की 100 वर्ष यात्रा: नए क्षितिज” विषयक कार्यक्रम में प्रतिष्ठित हस्तियों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू होने की परिभाषा भूगोल और परंपराओं के व्यापक संदर्भ में है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानते हुए भी खुद को हिंदू नहीं मानते, जबकि कुछ अन्य इस तथ्य से अनजान हैं. RSS प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि विषयवस्तु भौगोलिक सीमाओं से आगे है और इसमें भारत माता के प्रति समर्पण तथा पूर्वजों की परंपराओं का सम्मान निहित है. भागवत ने कहा कि हमारा डीएनए भी एक है और सद्भाव में रहना हमारी संस्कृति का हिस्सा है.

RSS का उद्देश्य देश को विश्वगुरु बनाना

संगठन की शताब्दी यात्रा की ओर बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस का उद्देश्य समाज में एकता और साझा सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता को मजबूत करना है. कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों की मौजूदगी ने इसे विशेष महत्व प्रदान किया. हिंदुत्व संगठन प्रमुख ने कहा कि भारत आज़ादी के 75 वर्षों में वह वांछित दर्जा हासिल नहीं कर सका जो उसे मिलना चाहिए था. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आरएसएस का उद्देश्य देश को “विश्वगुरु” बनाना है और दुनिया में भारत के योगदान का समय आ गया है. उन्होंने देश के उत्थान के लिए सामाजिक परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया. हर किसी की अपनी भूमिका होगी. उन्होंने आगे कहा कि राजनेताओं, सरकारों और राजनीतिक दलों की भूमिका इस प्रक्रिया में सहायता करना है. उन्होंने कहा कि लेकिन मुख्य कारण समाज का परिवर्तन और उसकी क्रमिक प्रगति होगी. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीयों ने लोगों के बीच कभी भेदभाव नहीं किया, यह समझते हुए कि हर कोई और दुनिया एक ही दिव्यता से बंधी है.

‘भारत माता’ के प्रति समर्पण ही असली पहचान

उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द का इस्तेमाल बाहरी लोग भारतीयों के लिए करते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू किसी मुद्दे पर लड़ने में नहीं बल्कि समन्वय में विश्वास करते हैं. वह अपने मार्ग पर चलने और दूसरों का सम्मान करने में विश्वास करते हैं. इससे पहले आरएसएस के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि मंगलवार से शुरू हुई तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के दौरान भागवत समाज के प्रमुख लोगों के साथ संवाद करेंगे. RSS प्रमुख देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत माता के प्रति समर्पण और पूर्वजों की परंपरा ही इस देश को जोड़ने वाला सूत्र है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति का मूल भाव सद्भाव में रहना है. उन्होंने दोहराया कि साझा पूर्वज, परंपराएं और एक जैसा डीएनए भारतवासियों को एक सूत्र में बांधते हैं और यही देश की असली ताकत है.

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