PM Modi Japan Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से जापान के दो दिवसीय यात्रा पर हैं. इस दौरान वह 15वीं वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले हैं.
PM Modi Japan Visit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी कि 28 अगस्त को जापान के लिए रवाना होंगे और दो दिवसीय यात्रा करेंगे. इस दौरान वह 15वीं वार्षिक शिखर बैठक में हिस्सा भी लेंगे और रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे. इसकी जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त की शाम को जापान की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे. उन्होंने यह भी बताया कि वह 29-30 अगस्त को जापान में रहेंगे और प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ भारत-जापान की 15वीं वार्षिक शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे.
7 साल में पीएम की पहली यात्रा
यहां बता दें कि यह प्रधानमंत्री की जापान के लिए 8वीं यात्रा होने वाली है. हालांकि, जापान के पीएम शिगेरू इशिबा के साथ उनकी पहली शिखर बैठक होगी. लेकिन आज से शुरू होने वाली पीएम की दो दिवसीय यात्रा पिछले सात सालों में पहली यात्रा है. उन्होंने आखिरी बार साल 2018 में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए यात्रा की थी. उस समय से लेकर अब तक उन्होंने जापान का दौरा किया है, लेकिन वे बहुपक्षीय कार्यक्रमों और अन्य औपचारिक कार्यक्रमों के लिए किया गया था. हालांकि, पीएम की आज से शुरू होने वाली यात्रा भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों के लिए होगी.
कई मुद्दों पर होगी चर्चा
पीएम मोदी की यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है. इस दौरान रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, तकनीक और नवाचार के साथ ही लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं. बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व की भी चर्चा होगी.
चीन का भी करेंगे दौरा
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच चीन के तियानजिन में आयोजित होने वाली SCO समिट में भाग लेंगे. इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, व्यापार सहयोग और बहुपक्षीय सहयोग समते कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
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SCO संगठन क्या है?
गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की स्थापना साल 2001 में चीन के शंघाई में की गई थी. ये विश्व का एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ग्रुप है. इस ग्रुप में भारत, रूस,चीन, पाकिस्तान, कजाकिस्तान,ईरान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं. यहां पर आपको बता दें कि SCO के सदस्य देशों में दुनिया की करीब 40 फीसदी आबादी रहती है और पूरी दुनिया की 20 फीसदी GDP की हिस्सेदारी रखते हैं.
क्या है इसका उद्देश्य?
SCO की स्थापना का उद्देश्य आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इसके अलावा ये संगठन आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने पर जोर देता है. व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए SCO काम करता है.
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