Punjab flood: सीएम मान ने कहा कि उनकी सरकार प्रभावित किसानों को कम से कम 50,000 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान करना चाहती है.
Punjab flood: पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर 60,000 करोड़ रुपए जारी करने की मांग की
है. भगवंत मान ने भीषण बाढ़ से पंजाब में हुई तबाही पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और उनसे राज्य के लिए 60,000 करोड़ रुपए जारी करने का आग्रह किया. मान ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में उपलब्ध धनराशि के मानदंडों में संशोधन की भी मांग की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रभावित किसानों को कम से कम 50,000 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान करना चाहती है. पंजाब हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण उफनती सतलुज, ब्यास और रावी नदियों और मौसमी नालों के कारण बड़े पैमाने पर बाढ़ की चपेट में है. पीएम मोदी को लिखे पत्र में मान ने कहा कि पंजाब वर्तमान में दशकों में सबसे खराब बाढ़ आपदाओं में से एक से जूझ रहा है, जिससे लगभग 1,000 गांव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं. मान ने लिखा कि भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने से सात जिलों गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर में भीषण बाढ़ आई है.
बाढ़ के पानी में डूबे धान के खेत
सीएम मान ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, मुख्य रूप से धान के खेत बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, जिससे कटाई से कुछ हफ्ते पहले ही फसलों को भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा पशुधन का व्यापक नुकसान हुआ है, जो ग्रामीण परिवारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है, जिनकी आजीविका डेयरी और पशुपालन पर बहुत अधिक निर्भर है. मान ने दावा किया कि राज्य के 60,000 करोड़ रुपये केंद्र के पास लंबित हैं और उसे जारी किया जाना चाहिए. विवरण देते हुए मान ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन और वैट व्यवस्था से संक्रमण के कारण राजस्व का अनुमानित स्थायी नुकसान 49,727 करोड़ रुपए है, जिसके लिए भारत सरकार द्वारा कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. पिछले कुछ वर्षों में आरडीएफ (ग्रामीण विकास निधि) और एमडीएफ (मंडी विकास निधि) में कमी के कारण नुकसान 8,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है.
कठिन दौर में पंजाबः मान
मान ने यह भी बताया कि केंद्र ने हाल ही में पंजाब में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) परियोजनाओं को रद्द कर दिया, जिसकी राशि 828 करोड़ रुपए थी. उन्होंने लिखा कि इससे दीर्घकाल में राज्य की ग्रामीण कनेक्टिविटी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि पंजाब बाढ़ की सबसे खराब स्थिति के कारण कठिन समय का सामना कर रहा है. आपसे अनुरोध है कि भारत सरकार के पास फंसे पंजाब के सभी फंड जारी करें, जो लगभग 60,000 करोड़ रुपए है. मान ने कहा कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, लेकिन गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित मौजूदा मानदंड किसानों, पशुपालकों और कमजोर समुदायों को उनके नुकसान का मुआवजा देने के लिए बेहद अपर्याप्त है.
किसानों को 50,000 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान
उन्होंने दावा किया कि किसानों को हुए वास्तविक नुकसान की तुलना में अधिसूचित मानदंड पूरी तरह से अवास्तविक है. एक उदाहरण का हवाला देते हुए मान ने कहा कि जहां फसल का नुकसान 33 प्रतिशत और उससे अधिक है, वहां इनपुट सब्सिडी 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है. यह 6,800 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से है. उन्होंने कहा कि इतनी छोटी राशि का भुगतान किसानों के साथ क्रूर मजाक होगा. इसलिए राज्य सरकार प्रति एकड़ 8,200 रुपये का अतिरिक्त योगदान देती है और किसानों को प्रति एकड़ 15,000 रुपये का भुगतान करती है. मान ने लिखा कि चूंकि फसलें लगभग कटाई के चरण में हैं, मुझे लगता है कि किसानों को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान किया जाना चाहिए. इसलिए मैं आपसे एसडीआरएफ के मुआवजे के मानदंडों को संशोधित करने का अनुरोध करता हूं. यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि राज्य सरकार एसडीआरएफ की योजना के अनुसार 25 प्रतिशत का योगदान देना जारी रखेगी.
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