SCO Summit 2025 : चीन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी तियानजिन पहुंच गए हैं. यहां पर उन्होंने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की, इसी बीच कांग्रेस ने पड़ोसी देश के सामने कायरतापूर्ण झुकने का आरोप लगाया.
SCO Summit 2025 : शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) की मुलाकात पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि चीन लगातार शत्रुतापूर्ण रवैये के बाद भी पीएम मोदी चीन के सामने मजबूती के साथ खड़े नहीं हुए. पार्टी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कायरतापूर्ण झुकने और तथाकथित ड्रैगन के आगे घुटने टेक दिए. इसके अलावा कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान-चीन की जुगलबंदी पर मोदी की चुप्पी को भी राष्ट्र विरोधी करार दिया. कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि भारत लंबे समय से चीन पर दोहरे मापदंड और दोहरी बात का आरोप लगाता जा रहा है.
भारत-चीन आतंकवाद के शिकार
जयराम रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि अब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति शी से कह रहे हैं कि भारत-चीन दोनों आतंकवाद के शिकार हैं. अगर यह तथाकथित हाथी का ड्रैगन के आगे घुटने टेकना नहीं है, तो और क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि इससे भी ज्यादा राष्ट्र-विरोधी बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बारे में राष्ट्रपति शी के साथ बातचीत में पीएम मोदी कुछ नहीं बोले और इसका खुलासा खुद भारतीय सेना के शीर्ष अधिकारी ने किया है. कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि स्वघोषित 56 इंच सीने वाले नेता अब पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 19 जून, 2020 को चीन को क्लीन चिट देकर राष्ट्रहित के साथ विश्वासघात किया. अब 31 अगस्त, 2025 भी तियानजिन में उनके कायराना व्यवहार के लिए बदनामी के दिन रूप में याद किया जाएगा.
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति बनी
भारत और चीन ने रविवार को वैश्विक वाणिज्य को स्थिर करने के लिए व्यापार और निवेश संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिया. बता दें कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी ने दबावपूर्ण चुनौतियों से निपटने और गंभीर सीमा मुद्दे के निष्पक्ष समाधान की दिशा में काम करने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर सहमति व्यक्त की. दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन व्यापार घाटे को कम करने, आंतकी घटनाओं जैसी चुनौतियों से निपटने और बहुपक्षीय मंचों पर निष्पक्ष व्यापार सुनिश्चित करने समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी बातचीत में दोनों नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देश विकास के साझेदार है, एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं है और उनके मतभेद किसी भी कीमत पर विवादों में नहीं बदलने चाहिए. इसी बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी ने सीमा पार आतंकवाद की चुनौती का भी जिक्र किया.
यह भी पढ़ें- 6 दिन बाद खुली राहत की राह! Jammu-Srinagar नेशनल हाईवे पर दौड़ी ज़िंदगी
