Yogi Janta Darshan: कानपुर निवासी मां-बेटी सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलने और शैक्षिक सहायता लेने के लिए राज्य की राजधानी लखनऊ आए थे.
Yogi Janta Darshan: पांच साल की मायरा का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) से मिलने का सपना पूरा हो गया. मायरा के डॉक्टर बनने की इच्छा पर सीएम योगी ने मुस्कुराते हुए चाकलेट दिया.लगभग पांच साल की मायरा और उसकी मां ‘जनता दर्शन’ के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गर्मजोशी से बातचीत करके सुखद आश्चर्यचकित थे, क्योंकि उन्होंने बच्ची के स्कूल में दाखिले के लिए मदद का हाथ बढ़ाया, जो उसके डॉक्टर बनने के सपने की दिशा में एक कदम था. कानपुर निवासी मां-बेटी सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलने और शैक्षिक सहायता लेने के लिए राज्य की राजधानी लखनऊ आए थे. राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि मायरा से गर्मजोशी से बात करते हुए सीएम आदित्यनाथ ने उसके सपनों के बारे में पूछा. जब मायरा ने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती है, तो मुख्यमंत्री मुस्कुराए, उसे एक चॉकलेट दी और अधिकारियों को बिना देरी किए अच्छे स्कूल में उसका दाखिला सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
50 से अधिक लोगों की सुनी समस्याएं
यहां अपने आधिकारिक आवास पर ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश भर से आए 50 से अधिक शिकायतकर्ताओं से मुलाकात की. उन्होंने उनकी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और अधिकारियों को शीघ्र और संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. मायरा के परिवार ने आदित्यनाथ की सादगी और संवेदनशीलता के लिए उनका आभार व्यक्त किया. उनकी मां नेहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी और मुझे मेरी बेटी के स्कूल में दाखिले का आश्वासन दिया. पीटीआई वीडियोज़ से बात करते हुए मायरा ने कहा कि उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) मेरा नाम पूछा और मुझे एक चॉकलेट दी. स्कूल में दाखिले में मदद के लिए जब वे आदित्यनाथ के पास गईं तो उन्होंने क्या कहा, इस बारे में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि हो जाएगा.
कई बच्चों की कर चुके हैं मदद
मायरा की मां नेहा ने कहा कि मैं अपनी बेटी के स्कूल में दाखिले के लिए मदद का अनुरोध करने यहां सर (मुख्यमंत्री आदित्यनाथ) का पास आई थी. पहले तो मैं आने में झिझक रही थी. मैं एक मुस्लिम हूं. वहां (कानपुर में) इस मामले की सुनवाई नहीं हुई, लेकिन यहां यह हो गया. उन्होंने कहा कि मुझे उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि दाखिला हो जाएगा. काश वह प्रधानमंत्री बन जाएं . यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री ने इस तरह का हस्तक्षेप किया हो. जून में, मुरादाबाद की वाछी को ‘जनता दर्शन’ में अपनी अपील के तीन घंटे के भीतर शिक्षा के अधिकार कोटे के तहत एक प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला मिल गया. इसी तरह जुलाई में आर्थिक तंगी के कारण स्कूल की फीस भरने के लिए संघर्ष कर रही गोरखपुर की पंखुड़ी को आदित्यनाथ ने मदद का आश्वासन दिया था. बयान में आगे कहा गया है कि उसके स्कूल ने फीस माफ कर दी, जिससे वह अपनी शिक्षा जारी रख सकी.
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