Most wanted Mainpal Dhillla: मैनपाल ढिल्ला उर्फ माईपाल बादली झज्जर जिले के बादली गांव का निवासी है और उसके खिलाफ हत्या सहित 22 मामले दर्ज हैं.
Most wanted Mainpal Dhillla: हरियाणा पुलिस द्वारा वांछित कुख्यात अपराधी मैनपाल ढिल्ला को CBI ने राज्य पुलिस और केंद्रीय गृह एवं विदेश मंत्रालय के सहयोग से कंबोडिया से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया. मैनपाल ढिल्ला उर्फ माईपाल बादली झज्जर जिले के बादली गांव का निवासी है और उसके खिलाफ हत्या सहित 22 मामले दर्ज हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मैनपाल ढिल्ला हिसार जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. उसे 2007 और 2010 में दर्ज तीन मामलों में दोषी ठहराया गया था. उस पर जेल में रहते हुए एक व्यक्ति की हत्या का भी आरोप है. अधिकारियों ने बताया कि वह 17 जुलाई, 2018 को पैरोल पर रिहा हुआ और 29 अगस्त, 2018 को सोनू कुमार के नाम से फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर देश से भाग गया.
ढिल्ला के खिलाफ जारी था रेड कार्नर नोटिस
हरियाणा पुलिस के अनुरोध पर CBI ने 6 नवंबर 2024 को इंटरपोल से संपर्क किया और ढिल्ला के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया. CBI ने एनसीबी-बैंकॉक से संपर्क किया, जिससे पता चला कि मैनपाल ढिल्ला थाईलैंड से कंबोडिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी कोलकाता से बैंकॉक होते हुए कंबोडिया गया था. सीबीआई ने तुरंत एनसीबी-नोम पेन्ह से संपर्क किया और अधिकारियों को बताया कि वांछित अपराधी फर्जी यात्रा दस्तावेजों पर यात्रा कर रहा था. ढिल्ला ने कंबोडिया के सिएम रीप इलाके में अपना अड्डा बना लिया था. वह एक नाइट क्लब चलाता था. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि 26 मार्च, 2025 को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से एनसीबी-नोम पेन्ह, कंबोडिया को अनंतिम गिरफ्तारी का अनुरोध भेजा गया था. एनसीबी-नोम पेन्ह ने 24 जुलाई 2025 को भारत को सूचना दी कि ढिल्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है.
काट रहा था आजीवन कारावास की सजा
कंबोडियाई अधिकारियों ने बाद में सूचित किया कि उन्होंने आरोपी को भारतीय अधिकारियों को सौंपने का फैसला किया है. इसके बाद आईपीएस अधिकारी वसीम अख्तर के नेतृत्व में हरियाणा स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की एक टीम को कंबोडिया भेजा गया. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) मदन सिंह और सब-इंस्पेक्टर (एसआई) संदीप कुमार वाली टीम मंगलवार को ढिल्ला को वापस ले आई. एसटीएफ के महानिरीक्षक बी. सतीश बालन ने कहा कि हम आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं. ढिल्ला को 29 अप्रैल, 2013 को बहादुरगढ़ में दर्ज एक मामले में हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियारों के इस्तेमाल और आपराधिक षडयंत्र के लिए दोषी ठहराया गया था. ढिल्ला को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. उसे पहले भी दो और मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. आजीवन कारावास की सजा काटते समय उसे हिसार सेंट्रल जेल से छह हफ्ते की पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन वह फरार हो गया.
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