Home Top News ‘चुनावी नौटंकी के अलावा कुछ…’ ममता बनर्जी ने विदेशी अधिनियम पर केंद्र पर साधा निशाना

‘चुनावी नौटंकी के अलावा कुछ…’ ममता बनर्जी ने विदेशी अधिनियम पर केंद्र पर साधा निशाना

by Sachin Kumar
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West Bengal Politics : पश्चिम बंगाल में प्रवासन का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है. इसी बीच ममता बनर्जी ने BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह मुद्दा चुनावी नौटंकी के अलावा कुछ नहीं है, लेकिन इस बार यह काम नहीं करेगा.

West Bengal Politics : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने विदेशी अधिनियम पर केंद्र के आदेश को हास्यास्पद और चुनावी हथकंड बताया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने 2026 के आम चुनावों से पहले वोटर्स को गुमराह करने के लिए तमाशा और नौटंकी करार दिया है. इसके अलावा ममता ने वेस्ट बंगाल असेंबली में बंगाली प्रवासियों पर कथित अत्याचारों की निंदा करने वाले सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते बनर्जी ने BJP पर मतदाताओं को ध्रुवीकरण करने के लिए नागरिकता और आव्रजन जैसे संवेदनशील मुद्दों का इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया.

ये सब चुनावी नौटंकी : ममता बनर्जी

ममता बनर्जी ने BJP को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह मुद्दा चुनावी नौटंकी के अलावा कुछ नहीं है, लेकिन इस बार यह काम नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि जो लोग CAA के बारे में चिल्ला रहे हैं, उन लोगों ने प्रस्ताव में क्या किया? क्या उन्होंने किसी को नागरिकता देने का प्रस्ताव दिया? ये सब बीजेपी विधानसभा चुनाव 2026 को लेकर चाल चल रही है. केंद्र सरकार हालिया आदेश आव्रजन और विदेशी अधिनियम इसी को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है. अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) के लोग अगर धार्मिक उत्पीड़न से बचकर आए हैं तो बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के देश में रहने की अनुमति देता है. बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 31 दिसंबर, 2024 को या उससे पहले आने वाले लोगों का कवर करता है, यही वजह है कि ममता ने केंद्र के नए निर्देश की अस्पष्टता पर सवाल खड़े किए हैं.

देश में कितने लोगों को मिला नागरिकता?

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 और 2024 की तरह फिर से झूठे वादे कर रहे हैं. असल में कितने लोगों की नागरिकता मिला, पहले आप लोग इसके बारे में स्पष्ट बताइए. बनर्जी ने इस महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की घोषणा में संसदीय प्रक्रिया और निगरानी के अभाव पर भी सवाल उठाया. उन्होंने पूछा उस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई और न ही किसी प्रकार की बहस की गई. यहां तक की किसी प्रवर समिति का भी गठन नहीं किया गया. BJP इतने महत्वपूर्ण मामलों में एकतरफा फैसला कैसे ले सकती है? मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बंगाली भाषी और आदिवासी समुदाय के खिलाफ करने का आरोप लगाया. बनर्जी ने पूछा जब आप कह रहे हैं कि 2024 तक आने वालों मुसलमानों को छोड़कर कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन आपने कूचबिहार और अलीपुरद्वार में एक राजबंशी को क्यों गिरफ्तार किया? मुंबई में मतुआ और अन्य जगहों पर हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों को क्यों प्रताड़िता किया?

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