Russia-Ukraine War : यूक्रेन और रूस युद्ध को लेकर भारत ने कहा कि शांति प्रयास का हम स्वागत करते हैं. साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि सभी पक्ष रचनात्मक ढंग से आगे बढ़ें और युद्ध समाप्ति का रास्ता खोजें.
Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन युद्ध चौथे वर्ष में पहुंच गया है और अभी हमले जारी हैं. एक तरफ जहां रूस ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पश्चिम इस बात को लिखित रूप में नहीं देता कि यूक्रेन भविष्य में NATO का सदस्य नहीं बनेगा तब तक युद्ध जारी रहेगा. इसी बीच भारत ने शुक्रवार को कहा कि हम यूक्रेन संघर्ष स्थायी शांति का समर्थन करते हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) की यह टिप्पणी यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए वाशिंगटन द्वारा नए सिरे से किए जा रहे प्रयासों के बीच आई है. MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि जहां तक यूक्रेन में संघर्ष का सवाल है, हम यूक्रेन में शांति स्थापित करने के सभी हालियां प्रयासों का स्वागत करते हैं.
यूक्रेनी राजनयिक ने दी जानकारी
रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक ढंग से आगे बढ़ेंगे. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने यूक्रेनी समकक्ष आंद्रेई सिबिहा (Andrei Sibiha) के साथ संघर्ष को लेकर चर्चा की थी. जयंशकर से फोन पर चर्चा करने के बाद सिबिहा ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष को वर्तमान युद्ध की स्थिति और न्यायपूर्ण शांति प्राप्त करने के यूक्रेन प्रयासों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि हम शत्रुता की पूर्ण समाप्ति और व्यापक अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों के समर्थन में भारत की आधिकारिक आवाज और सक्रिय भूमिका पर भरोसा करते हैं.
बिना किसी शर्त बातचीत की मेज पर बैठना चाहिए
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को बताया कि भारत यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए हाल ही में किए गए सभी प्रयासों का स्वागत करता है और यही मानवीय सोच है कि जल्द से जल्द युद्ध को समाप्त करने का रास्ता खोजा जाए. साथ ही एससीओ में पुतिन की मुलाकात से पहले वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पीएम मोदी से फोन पर बात की और उसके बाद उन्होंने कहा कि भारत आवश्यक प्रयास करने और रूस को उचित संकेत देने के लिए तैयार है. भारत लगातार बातचीत और कूटनीति के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने का आह्वान करता रहा है. बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने मास्को की यात्रा की और पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और शांति प्रयास बम-गोलियों के बीच में सफल नहीं होते हैं. अगले महीने मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया और जेलेंस्की से कहा कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए.
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