Home Latest News & Updates वन संरक्षण अधिनियम को विपक्षी दलों ने मिजोरम के लिए बताया गंभीर खतरा, निरस्त करने की मांग; जानें मामला

वन संरक्षण अधिनियम को विपक्षी दलों ने मिजोरम के लिए बताया गंभीर खतरा, निरस्त करने की मांग; जानें मामला

by Sachin Kumar
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Forest Conservation Act

Forest Conservation Act : मिजोरम में वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम को लेकर बवाल कटा हुआ है. विपक्ष लगातार इसका विरोध कर रहा है और कहा रहा है कि इससे लोकल लोगों को काफी समस्याएं होंगी.

Forest Conservation Act : मिजरोम में विपक्षी दलों और कई संगठनों ने विधानसभा की तरफ से पारित वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम (FCAA), 2023 को राज्य के लिए खतरा बताया है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ललथनसांगा द्वारा 27 अगस्त को पेश किए गए प्रस्ताव के बाद मिजोरम विधानसभा ने अपने हाल ही में मानसून सत्र के दौरान इस वर्ष से FCAA, 2023 को राज्य में लागू करने के लिए एक नया प्रस्ताव पारित किया. मुख्य विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट, कांग्रेस, ZORO और कई संगठन गठबंधन, जॉइंट सिविल सोसाइटी मिज़ोरम (CJM) ने नए कानून का समर्थन करने के लिए मिजोरम सरकार को दोषी ठहराया है.

MNF ने किया कानून का कड़ा विरोध

MNF मीडिया सेल के सचिव लल्लियनमाविया जोंगटे ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कोर समिति, राजनीतिक मामलों की समिति और विधायक दल की संयुक्त बैठक के बाद हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष लालबियाकजामा को एक याचिका सौंपी, जिसमें उनसे प्रस्ताव को रद्द करने के लिए एक विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि MNF यह भी आग्रह करता है कि 27 अगस्त को राज्य विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को लोकसभा सचिवालय को न भेजा जाए क्योंकि मिजो लोगों के हितों के विरुद्ध है. जोंगटे ने आगे कहा कि MNF FCAA 2023 का कड़ा विरोध करता है, क्योंकि यह केंद्र को भूमि अत्यधिक अधिकार देता है, जो मिजो लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है.

स्वदेशी समुदाय होगी कई समस्याएं

ZORO और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने MNF की चिंता को दोहराया और प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की और सरकार द्वारा कार्रवाई न करने पर आंदोलन की धमकी दी. ZORO के उपाध्यक्ष रामदिनलियाना रेंथलेई ने कहा कि यह कानून स्वदेशी समुदाय के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है क्योंकि केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 100 किलोमीटर के क्षेत्र को दी गई छूट के कारण उनकी जमीनें हड़प सकती हैं, जो केंद्र सरकार को वन मंजूरी लिए बिना राष्ट्रीय महत्व और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रणनीतिक रैखिक परियोजनाएं शुरू करने की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि FCAA 2023 को अपनाने से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371जी में निहित मिजो लोगों के अधिकारों का उल्लंघन होगा, जिसमें कहा गया है कि भूमि स्वामित्व और हस्तांतरण से संबंधित संसद का कोई भी अधिनियम मिजोरम में तब तक लागू नहीं होगा जब तक विधानसभा द्वारा अनुमोदित न हो.

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