Finance Minister Nirmala Sitharaman: सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर GST व्यवस्था के ऐतिहासिक सुधार को लागू करने में उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman: सहकारी संघवाद की भावना को रेखांकित करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखकर वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था के ऐतिहासिक सुधार को लागू करने में उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया है. पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में सीतारमण ने कहा कि राज्यों ने कर दरों में फेरबदल के प्रस्ताव पर अपने विचार रखे लेकिन अंततः इस बात पर सहमत हुए कि यह आम आदमी के लाभ के लिए है. उन्होंने कहा कि 22 सितंबर से मक्खन से लेकर चॉकलेट और शैंपू से लेकर ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर तक कई उत्पादों की दरों में कमी लाएगा. कहा कि 3 सितंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में सहमति हुई थी. पैनल की अध्यक्षता सीतारमण कर रही थीं और इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल थे. सीतारमण ने कल प्रत्येक राज्य के वित्त मंत्री को एक पत्र लिखा.
बैठक के पहले दिन ही मिली मंजूरी
वित्तमंत्री ने कहा कि अधिकांश उत्पादों को श्रेणियों में वर्गीकृत करने से राजस्व की हानि पर आशंकाओं के बावजूद सामान्य उपयोग की वस्तुओं के लिए 5 प्रतिशत और बाकी सभी के लिए 18 प्रतिशत. जबकि 12 और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म करना, जीएसटी पुनर्गठन के लिए एक सर्वसम्मत निर्णय लिया. पैनल को केंद्र द्वारा किए गए प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए 3 सितंबर से शुरू होने वाले दो दिनों के लिए मिलना था, लेकिन पहले ही दिन इसे मंजूरी मिल गई. सीतारमण ने कहा कि इसलिए सदन की भावना थी कि यह एक ऐसा प्रस्ताव है जो निस्संदेह आम आदमी को लाभान्वित करने वाला है. इसके खिलाफ खड़े होने का कोई मतलब नहीं है. मंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा दर में कमी के पक्ष में थे और उनकी एकमात्र चिंता कर कटौती के बाद उनके राजस्व निहितार्थ के संबंध में थी. मैंने उनसे यह भी अपील की, लोग खरीदारी के लिए बाहर आएंगे, और इससे राजस्व पर पड़ने वाले प्रभाव का ध्यान रखा जाएगा. इस तरह आम सहमति बनी.
राज्यों के सहयोग के लिए जताया आभार
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सीतारमण ने भारत के सबसे महत्वपूर्ण कर सुधारों में से एक को लागू करने में राज्यों के सहयोग और सामूहिक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त किया था. शनिवार को उन्होंने कहा कि परिषद ने अपने सदस्यों द्वारा रखी गई प्रत्येक टिप्पणी और सुझाव को धैर्यपूर्वक सुना. उन्होंने कहा कि आम सहमति पर पहुंचने से पहले सभी बिंदुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया. उन्होंने चर्चाओं की समावेशी प्रकृति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि कई मंत्री जो अपने शुरुआती बिंदुओं पर पहले ही चर्चा हो जाने के बाद दोबारा बोलना चाहते थे, उन्हें ऐसा करने का अवसर दिया गया. वित्त मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि उनके अतिरिक्त सुझावों को सुना गया और उन पर विचार किया गया. उन्होंने जीएसटी परिषद में राज्यों की रचनात्मक भागीदारी और कर सुधारों को आगे बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता का भी श्रेय दिया.
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