Home राज्यJharkhand अजबः झारखंड में बिजली गिरने से पशुपालक की मौत, जिंदा करने के लिए परिजनों ने गोबर में रखा शव

अजबः झारखंड में बिजली गिरने से पशुपालक की मौत, जिंदा करने के लिए परिजनों ने गोबर में रखा शव

by Sanjay Kumar Srivastava
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Man dies due to lightning strike

Jharkhand News: डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी घर पहुंचे और परिजनों को शव सौंपने के लिए मनाने की कोशिश की.

Jharkhand News: झारखंड के लातेहार जिले में अंधविश्वास का अजीब मामला सामने आया है. बिजली गिरने से मवेशी चराने गए पशुपालक की मौत हो गई. परिजनों ने शव को गाय के गोबर में इस उम्मीद से रख दिया कि गोबर से उस पर बिजली का असर कम हो जाएगा और पशुपालक जिंदा हो जाएगा. झारखंड के लातेहार जिले में बिजली गिरने से मरने वाले 45 वर्षीय पशुपालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने को लेकर पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस को परिजनों को काफी मनाना पड़ा, तब जाकर परिजनों ने शव सौंपा.

मवेशी चराते समय पति-पत्नी पर गिरी बिजली

महुआडांड़ पुलिस थाने के प्रभारी मनोज कुमार ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के रामपुर गांव में पशुपालक और किसान रामनाथ यादव शनिवार शाम अपनी पत्नी शोभा देवी के साथ मवेशी चराने गए थे, तभी बिजली गिरने से उनकी मौत हो गई और वह मौके पर ही गिर पड़े. परिजनों ने यादव को इलाज के लिए महुआडांड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें बिजली गिरने से मृत घोषित कर दिया. शोभा देवी को भी भर्ती कराया गया है, लेकिन उनकी हालत स्थिर है. हालांकि, अंधविश्वासी परिजन पुलिस को सूचित किए बिना ही शव को सीएचसी से वापस ले आए और उसे गाय के गोबर के ढेर में इस विश्वास के साथ रख दिया कि इससे बिजली का असर कम हो जाएगा और यादव फिर से जीवित हो जाएंगे.

शव लेने के लिए पुलिस को करना पड़ा बल प्रयोग

पुलिस अधिकारी ने आगे कहा कि सीएचसी के डॉक्टरों ने हमें परिजनों द्वारा शव ले जाने की सूचना दी. हम उनके घर गए और उनसे शव सौंपने को कहा ताकि उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा सके और अप्राकृतिक मौत का औपचारिक मामला दर्ज किया जा सके. हालांकि, वे नहीं माने और हमें इंतज़ार करने को कहा, क्योंकि मृतक जल्द ही ज़िंदा हो जाएगा. यहां तक कि डॉक्टर और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी घर पहुंचे और परिजनों को शव सौंपने के लिए मनाने की कोशिश की. डॉक्टरों ने परिजनों को समझाने की कोशिश की कि किसी भी तरह से मृत व्यक्ति का ज़िंदा होना संभव नहीं है. लेकिन वे नहीं माने, और यह आधी रात तक चलता रहा. हमें थोड़ा बल प्रयोग करना पड़ा और आखिरकार वे मान गए. इसके बाद रविवार तड़के शव लातेहार सदर अस्पताल भेज दिया गया. रविवार को पोस्टमार्टम होगा. इसके बाद हम मामला दर्ज करेंगे. पुलिस अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि परिजनों को यह भी बताया गया कि राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन नियमों के तहत मृत्यु पर मुआवज़ा पाने के लिए पोस्टमार्टम ज़रूरी है.

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