Home राज्यJharkhand झारखंड में दिल दहला देने वाला मामला: इलाज और भोजन के लिए बेच दिया बच्चा, जानें क्या करते हैं माता-पिता ?

झारखंड में दिल दहला देने वाला मामला: इलाज और भोजन के लिए बेच दिया बच्चा, जानें क्या करते हैं माता-पिता ?

by Sanjay Kumar Srivastava
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Child Trafficking in Jharkhand : पीड़ित रामचंद्र राम ने कहा कि उसने अपने बेटे को पड़ोसी गांव के एक दलाल दंपति को बेच दिया, क्योंकि उसके पास गुजारा करने और अपनी पत्नी पिंकी देवी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे.

Child Trafficking in Jharkhand : झारखंड में एक अजीब मामला सामने आया है.गरीबी के कारण पिता ने अपने जिगर के टुकड़े को बेच दिया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गरीबी के कारण एक महीने के बच्चे को उसके माता-पिता ने कथित तौर पर 50,000 रुपये में बेच दिया था, लेकिन रविवार को उसे बचा लिया गया. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा मामले का संज्ञान लेने और पुलिस को बच्चे को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देने के बाद की गई. पलामू जिले के लेस्लीगंज इलाके के एक दंपति ने कथित तौर पर अत्यधिक गरीबी के कारण अपने बेटे को 50,000 रुपये में बेच दिया. लेस्लीगंज के सर्कल अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जैसे ही मामला सामने आया, पलामू जिला प्रशासन ने मामले में हस्तक्षेप किया और लोटवा गांव में परिवार को 20 किलोग्राम खाद्यान्न प्रदान किया, जबकि पीड़ित को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत नामांकित करने का प्रयास चल रहा है.

बेरोजगार था बाप

पीड़ित रामचंद्र राम ने कहा कि उसने अपने बेटे को पड़ोसी गांव के एक दलाल दंपति को बेच दिया क्योंकि उसके पास गुजारा करने या अपनी पत्नी पिंकी देवी के इलाज के लिए पैसे नहीं थे, जो प्रसव के बाद से अस्वस्थ है. मेरे पास उसके इलाज या भोजन की व्यवस्था करने के लिए पैसे नहीं थे. पीड़ित मजदूर राम ने कहा कि लगातार बारिश के कारण पिछले कुछ महीनों से बेरोजगार था. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला राम पिछले डेढ़ दशक से अपनी पत्नी, जो कि स्थानीय निवासी है, के साथ लोटवा में रह रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वह मज़दूरी करता था और जब काम नहीं मिलता था तो गांव में भीख भी मांगता था. उसने बताया कि उसके पास आधार कार्ड या राशन कार्ड नहीं है और वह सरकारी योजनाओं के लाभों से वंचित है.

छप्पर के नीचे रहता है परिवार

पिंकी देवी ने बताया कि उसके पिता ने उसे ज़मीन का एक छोटा सा टुकड़ा दिया था और उसने एक झोपड़ी बनाई थी, जो बारिश में क्षतिग्रस्त हो गई. राम ने कहा कि हमारे पास छप्पर के नीचे रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. पिंकी देवी ने छप्पर के नीचे ही एक बच्चे को जन्म दिया था और तब से वह बीमार है. लेस्लीगंज थाने के प्रभारी उत्तम कुमार राय ने बताया कि बच्चे का पता लगाने के लिए एक पुलिस दल लातेहार भेजा गया और रविवार को उसे बचा लिया गया. हेमंत सोरेन ने पहले पलामू के उपायुक्त को उचित जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. पलामू के उप विकास आयुक्त जावेद हुसैन ने कहा कि प्रशासन को मीडिया रिपोर्टों से मामले की जानकारी मिली. इसके बाद बच्चे को उसके माता-पिता से मिलाने के लिए कदम उठाए गए.

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