Yamuna Water Level: सीज़न के सबसे ऊंचे लेवल को छूने के बाद यमुना का जलस्तर अब धीरे-धीरे कम हो रहा है. राहत कैंपों में लोगों को भी मिल रही है सुविधा.
08 September, 2025
Yamuna Water Level: दिल्ली वालों के लिए राहत की खबर है. दरअसल, राजधानी की जीवनरेखा कही जाने वाली यमुना नदी का जलस्तर आखिरकार कम होने लगा है. सोमवार सुबह ओल्ड रेलवे ब्रिज पर पानी का लेवल 205.22 मीटर दर्ज किया गया, जो रविवार रात 205.33 मीटर था. यानी धीरे-धीरे ही सही, लेकिन पानी का लेवल अब कम हो रहा है. जहां बीते हफ्ते गुरुवार को यमुना ने इस सीज़न का सबसे ऊंचा लेवल टच किया था, जो 207.48 मीटर रहा. यमुना नदी की ये स्थिति दिल्लीवासियों के लिए खौफनाक यादें ताज़ा कर गई. खासकर 2023 की बाढ़ जैसी तस्वीरें, जब नदी ने 208.66 मीटर का रिकॉर्ड बनाया था और हजारों लोग बेघर हुए थे.
सोमवार को मिली राहत
अधिकारियों के मुताबिक, सोमवार सुबह 6 बजे यमुना नदी के पानी का लेवल 205.24 मीटर और 7 बजे 205.22 मीटर दर्ज हुआ. ये स्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से थोड़ा नीचे है. हालांकि ये वॉर्निंग लेवल (204.50 मीटर) से अभी भी ऊपर ही है. वहीं, पिछले हफ्ते जब पानी ने खतरे का लेवल पार किया, तो लगभग 10 हजार लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा. यमुना के किनारे बसे इलाकों जैसे मठ मार्केट (Monastery Market), मादनपुर खादर और यमुना बाजार में बाढ़ का पानी घुस आया था.
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राहत कैंप
दिल्ली प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए राहत कैंप लगाए. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मोरी गेट और मयूर विहार के पास टेंट लगाकर लोगों को अस्थायी आश्रय दिया गया. इन कैंपों में खाना, दवाई और बच्चों के लिए बेसिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. ओल्ड रेलवे ब्रिज, जो यमुना के प्रवाह और जलस्तर की निगरानी का अहम केंद्र माना जाता है, कई दिनों तक बंद रहा. जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने पर यहां से आवाजाही रोक दी गई थी. अब पानी कम होने के बाद उम्मीद है कि हालात नॉर्मल होने लगेंगे.
आगे का खतरा?
मौसम विभाग के मुताबिक, अगर अगले कुछ दिनों में भारी बारिश नहीं होती है, तो पानी का लेवल और नीचे आ सकता है. लेकिन सावधानी बरतना अभी भी ज़रूरी है क्योंकि नदी अभी भी वॉर्निंग लेवल से ऊपर बह रही है. पिछले साल की बाढ़ की त्रासदी के बाद इस साल भी जब पानी खतरे के स्तर पर पहुंचा, तो लोगों की धड़कनें तेज हो गईं. हालांकि, फिलहाल पानी कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है. वही, प्रशासन अब भी अलर्ट पर है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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