Home Latest News & Updates राजनीतिक सफर में नया अध्याय: डॉ. अंबेडकर और शिवाजी से मिली दिशा, महाराष्ट्र को लेकर राधाकृष्णन भावुक

राजनीतिक सफर में नया अध्याय: डॉ. अंबेडकर और शिवाजी से मिली दिशा, महाराष्ट्र को लेकर राधाकृष्णन भावुक

by Sanjay Kumar Srivastava
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CP Radhakrishnan:

CP Radhakrishnan: राजभवन में आयोजित एक अनौपचारिक अभिनंदन समारोह में बोलते हुए राधाकृष्णन ने खुद को अडिग राष्ट्रवादी बताया.

CP Radhakrishnan: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि राज्य में उनका 13 महीने का कार्यकाल उनके सार्वजनिक जीवन का सबसे सुखद दौर रहा.वे भारत के अगले उपराष्ट्रपति के रूप में दिल्ली जाने से पहले अपनी सुखद यादें साथ लेकर जाएंगे. 67 वर्षीय राधाकृष्णन ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. ​​राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें शुक्रवार को पद की शपथ दिलाएंगी. राजभवन में आयोजित एक अनौपचारिक अभिनंदन समारोह में बोलते हुए राधाकृष्णन ने खुद को अडिग राष्ट्रवादी बताया. उन्होंने कहा कि उनकी मां ने उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरक कहानियां सुनाई थीं. उन्होंने भारत को उसका संविधान देने और सामाजिक बुराइयों से साहस के साथ लड़ने के लिए डॉ. बीआर अंबेडकर की भी सराहना की.

दो CM के साथ काम करने का अनुभव किया साझा

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी ने विदेशी आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ी, जबकि अंबेडकर ने उत्पीड़न का मुकाबला किया. ऐसे दूरदर्शी लोगों की वजह से ही भारत एक लोकतंत्र बना हुआ है, जबकि हमारे पड़ोसी पाकिस्तान को इसे बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा. जुलाई 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल का पदभार संभालने वाले राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान दो मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा अनुभव प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि जब मैंने कार्यभार संभाला था, तब वर्तमान उपमुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) मुख्यमंत्री थे और वर्तमान मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) उपमुख्यमंत्री थे. बाद में उनकी भूमिकाएं बदल गईं. फिर भी, उनके सौहार्दपूर्ण संबंध और टीम वर्क की भावना इस महान राज्य की राजनीतिक संस्कृति के बारे में बहुत कुछ कहती है.

महाराष्ट्र से मिला प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव

राधाकृष्णन ने कहा कि महाराष्ट्र ने उन्हें अमूल्य प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव दिया है. महाराष्ट्र के आधिकारिक राज्य गीत का उल्लेख करते हुए उन्होंने दिल्ली जाने की तुलना लोकतंत्र के एक और सिंहासन की रक्षा करने के समान की. उन्होंने कहा कि मैं सौभाग्यशाली महसूस करता हूं कि पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के बाद मुझे भी महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर जाने का अवसर मिला है. राधाकृष्णन ने कहा कि विकास समावेशी होना चाहिए और अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और समाज के हर वर्ग को लाभान्वित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विकास को सच्चा विकास तभी कहा जा सकता है जब यह समाज के सभी वर्गों का उत्थान करे. राधाकृष्णन इससे पहले झारखंड के राज्यपाल रह चुके हैं और उनके पास तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार भी था. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र हमेशा उनके लिए खास रहेगा. उन्होंने कहा कि मैं अपने साथ महाराष्ट्र और उसके लोगों की मधुर यादें लेकर चलता हूं.

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