Coast Guard Global Summit: साल 2027 में भारत 5वीं कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट की मेजबानी चेन्नई में करेगा. इसका फैसला रोम में हुई 4वीं समिट में सर्वसम्मति से लिया गया है.
Coast Guard Global Summit: अंतरराष्ट्रीय समुद्री सहयोग में अपनी भूमिका को मजबूत करते हुए भारत साल 2027 में चेन्नई में 5वीं कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट की मेजबानी करेगा. इसका फैसला रोम में हुई 4वीं समिट में सर्वसम्मति से लिया गया. इस 3 दिवसीय समिट में इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू और ग्लोबल सेमिनार होगा. यह आयोजन भारतीय कोस्ट गार्ड की 50वीं वर्षगांठ पर वैश्विक समुद्री सहयोग को नया आयाम देने के लिए किया जाना है. बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े समुद्री सुरक्षा मंच पर भारत को एक बड़ी उपलब्धि मिली है. यह मंच दुनिया भर की कोस्ट गार्ड एजेंसियों को एकसाथ लेकर आएगा और नए समुद्री चुनौतियों पर वैश्विक संवाद का अवसर देगा और एकजुटता का प्रदर्शन करेगा.
4वें CGGS में लिया गया यह फैसला
यह फैसला 11-12 सितंबर 2025 को इटली के रोम में हुए 4वें CGGS में लिया गया, जिसमें 115 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था. सभी प्रतिभागियों ने भारत के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी.
कितने दिन चलेगा कार्यक्रम
यहां पर बता दें कि यह समिट 3 तक चलेगा. इसमें इंटरनेशनल कोस्ट गार्ड फ्लीट रिव्यू, वर्ल्ड कोस्ट गार्ड सेमिनारइस समिट का मकसद वैश्विक समुद्री सहयोग को बढ़ावा देना, साझा चुनौतियों पर चर्चा करना और विश्वास और इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत करने जैसे मुद्दे शामिल रहने वाले हैं.
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एक देश अकेले नहीं कर सकता है समुद्री चुनौतियों को हल
इस दौरान भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने कहा कि ‘कोई भी एक देश समुद्री चुनौतियों के पूरे दायरे को अकेले नहीं सुलझा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि चेन्नई में 2027 का यह समिट इंटरऑपरेबिलिटी, भरोसा और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने का एक समावेशी मंच होगा.
भारत की वैश्विक नेतृत्व को मिलेगी नई ऊंचाई
इस समिट के दौरान DG ICG ने इटैलियन कोस्ट गार्ड के कमांडेंट से भी मुलाकात हुई. दोनों पक्षों ने भारत-इटली संयुक्त रणनीतिक कार्ययोजना के तहत सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है. इसमें समुद्री खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण से निपटना, पर्यावरण संरक्षण, अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों पर लगाम, जानकारी साझा करना, समुद्री निगरानी, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दे शामिल रहे.
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