Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. यूक्रेनी ड्रोन ने एक बार फिर रूस की तेल रिफाइनरी पर हमला किया, जिसके बाद वहां पर आग लग गई.
Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग चौथे साल में प्रवेश कर गई है और अभी तक हमले शांत नहीं हुए हैं. रूस सेना जहां यूक्रेनी इलाकों को कब्जाने में लगी हुई है, तो वहीं यूक्रेन भी पूरी ताकत से मैदान में लड़ रहा है. इसी कड़ी में यूक्रेनी सेना ने ड्रोन से रात में रूस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में एक पर जोरदार हमला किया. यूक्रेनी ड्रोन के हमले में भयंकर आग लग गई. रूस के उत्तर-पश्चिमी लेनिनग्राद क्षेत्र में स्थित किरिशी रिफाइनरी पर यह हमला किया गया है. रूसी तेल कंपनी सर्गुटनेफ्टेगास की तरफ से संचालित ये कंपनी साल में करीब 17.7 मिलियन मीट्रिक टन (355,000 बैरल प्रतिदिन) कच्चे तेल का उत्पादन करती है और प्रोडक्शन के हिसाब से ये शीर्ष तीन रिफाइनरियों में से एक है.
ड्रोन ने दोनों पक्षों को लड़ाई में किया मजबूत
रूस की तरफ से यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण के तीन साल से भी ज्यादा समय के बाद ड्रोन दोनों पक्षों के लिए एक प्रमुख हथियार बनकर उभरे हैं. कई रूसी ड्रोन पोलैंड में घुस आए, जिसके बाद नाटो ने उन्हें मार गिराने के लिए लड़ाकू विमान भेजे और लंबे समय से चली आ रही चिंताओं की तरफ भी इशारा किया जिसमें कहा गया कि ये युद्ध यूक्रेन के बाहर भी फैल सकता है. यूक्रेन के जनरल स्टाफ के मुताबिक, किरिशी रिफाइनरी में विस्फोट और आग लगने की खबर सामने आई है. यूक्रेन ने एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें रात के समय आसमान में धुएं का गुबार देखा गया. दूसरी तरफ क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर ड्रोज़्डेंको ने कहा कि किरिशी क्षेत्र में तीन ड्रोन गए जहां उसके गिरते मलबे की वजह से संयंत्र में आग लग गई.
80 यूक्रेनी ड्रोन को किया तबाह : रूस
फिलहाल के लिए रूस की तरफ से इस हमले पर कोई प्रतिक्रया सामने नहीं आई है. रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, क्रीमिया और आजोव सागर के ऊपर रात में करीब 80 यूक्रेनी ड्रोन को नेस्तानाबूत कर दिया. बता दें कि रूस दुनिया में तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, लेकिन यूक्रेनी हमले और मौसम में बदलाव होने की वजह से गैसोलीन की कमी हो गई है. इसके अलावा देश के कुछ इलाकों में पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल पंप खत्म हो गया है और वाहन चालकों को पेट्रोल लेने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाना पड़ रहा है. अब इस कमी को दूर करने के लिए रूस ने पेट्रोल निर्यात को रोक दिया है या फिर बहुत कम करना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ अधिकारियों ने बुधवार को 30 सितंबर तक पूर्ण प्रतिबंध और 31 अक्टूबर तक व्यापारियों और बिचौलियों पर आंशिक प्रतिबंध लगाने की घोषणआ की है.
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