Home राज्यBihar प्रशांत किशोर का दावाः राघोपुर से भी हारेंगे तेजस्वी, कहा- राहुल जैसा होगा हाल, खुद के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस

प्रशांत किशोर का दावाः राघोपुर से भी हारेंगे तेजस्वी, कहा- राहुल जैसा होगा हाल, खुद के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस

by Sanjay Kumar Srivastava
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Prashant Kishor

Jan Suraj Party: दूसरी बार विधायक बने तेजस्वी से पहले उनके पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने उस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. फिर भी यह बुनियादी सुविधाओं के लिए रो रहा है.

Jan Suraj Party: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को दावा किया कि राजद नेता तेजस्वी यादव आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी राघोपुर विधानसभा सीट हार जाएंगे. कहा कि ठीक उसी तरह जैसे कांग्रेस के राहुल गांधी को छह साल पहले उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था. किशोर ने लगभग 50 किलोमीटर दूर राघोपुर से अपनी पार्टी के अभियान को शुरू करने से पहले पटना में पत्रकारों से बात की. उन्होंने खुद चुनाव मैदान में उतरने की संभावना पर अपने पत्ते नहीं खोले. किशोर ने आरोप लगाया कि मैं निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से प्रतिक्रिया लेने के लिए राघोपुर जा रहा हूं, जो एक परिवार के वर्चस्व को खत्म करना चाहते हैं. दूसरी बार विधायक बने तेजस्वी यादव से पहले उनके पिता लालू प्रसाद और राबड़ी देवी ने उस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. फिर भी यह बुनियादी सुविधाओं के लिए रो रहा है. उन्होंने कहा कि जन सुराज पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक रविवार को होने वाली है.

तेजस्वी के दो सीटों पर लड़ने की चर्चा

किशोर ने कहा कि यह निर्णय पार्टी को लेना है. किशोर उस समय मुस्कुरा उठे जब पत्रकारों ने बताया कि ऐसी अफवाहें चल रही हैं कि तेजस्वी यादव आगामी चुनाव में एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं. किशोर ने कहा कि फिलहाल, बस यही अटकलें हैं कि जन सुराज पार्टी राघोपुर में एक मज़बूत उम्मीदवार देगी और तेजस्वी यादव बहुत डरे हुए हैं. उन्हें दो सीटों से चुनाव लड़ने दीजिए. राघोपुर में उनका हश्र 2019 में राहुल गांधी जैसा ही होगा, जब कांग्रेस नेता दो सीटों से लड़े थे, लेकिन अमेठी का अपना गढ़ हार गए थे. गौरतलब है कि वर्तमान में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 2019 में वायनाड लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रहे थे. पिछले साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से दो सीटों वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ा, जहां से उनकी मां सोनिया गांधी कई बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. दोनों सीटें जीतने के बाद गांधी ने वायनाड सीट खाली कर दी, जहां उपचुनाव में उनकी बहन प्रियंका वाड्रा निर्वाचित हुईं. कांग्रेस ने अमेठी सीट भी वापस छीन ली, जहां कम चर्चित उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी को हराया. किशोर से यह भी पूछा गया कि क्या भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले की घोषणा डर के कारण की होगी, जबकि एक दिन पहले ही पवन सिंह की अलग रह रहीं पत्नी ज्योति ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक से मुलाकात की थी.

पवन सिंह को बताया अपना दोस्त

उन्होंने जवाब दिया कि पवन सिंह दुश्मन नहीं हैं. वह मेरे निजी दोस्त हैं और मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वह भाजपा में हैं. जब उनकी पत्नी अपनी असुरक्षा की भावनाएं मुझसे साझा करने आईं, तो मैंने उन्हें एक भाई की तरह आश्वासन दिया. किशोर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी जैसे दागी नेता जन सुराज के डर में जी रहे हैं. अशोक चौधरी ने दावा किया है कि वह मेरे ख़िलाफ़ मानहानि का मुक़दमा नहीं चलाएंगे, बल्कि जनता की अदालत में लड़ेंगे. उन्हें यह बताने दीजिए कि वह किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. हम तैयार हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले पार्टी द्वारा 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के बाद कई उम्मीदवारों द्वारा व्यक्त की गई असंतोष को भी हल्के में लिया. कहा कि यह स्वाभाविक है. लोगों ने अपने खून-पसीने से जन सुराज पार्टी को खड़ा किया है. जब विधानसभा में केवल 243 सीटें हों, तो उन सभी को समायोजित करना कभी संभव नहीं होता, लेकिन हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं जो अपने दरवाज़े बंद नहीं रखती. सब कुछ सुलझा लिया जाएगा.

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