UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘गोमती पुनरुद्धार मिशन’की घोषणा की. मिशन के तहत नदी में गिरने वाले 95 प्रतिशत शहरी सीवेज को रोका जाएगा.
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ‘गोमती पुनरुद्धार मिशन’की घोषणा की. मिशन के तहत नदी में गिरने वाले 95 प्रतिशत शहरी सीवेज को रोका जाएगा. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कार्ययोजना पीलीभीत से गाजीपुर तक पूरे नदी बेसिन को कवर करेगी, जिसका उद्देश्य जल को स्वच्छ करना है. मुख्यमंत्री ने प्रादेशिक सेना के सहयोग से आयोजित एक बैठक में यह घोषणा की. बैठक के दौरान अधिकारियों ने कहा कि गोमती में गिरने वाले 39 प्रमुख नालों में से 13 अनुपयोगी हैं. बयान में कहा गया है कि वर्तमान में राज्य में नदी के किनारे 605 एमएलडी की संयुक्त क्षमता वाले छह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) चालू हैं. अधिकारियों ने कहा कि मिशन के तहत अतिरिक्त नालों को एसटीपी में मोड़ दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने, नदी घाटों के सौंदर्यीकरण और तटों पर हरित क्षेत्र बढ़ाने के लिए भी अभियान चलाए जाएंगे.
सख्ती से लागू हो प्लास्टिक पर प्रतिबंध
मुख्यमंत्री ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया और इसे सीवर जाम और जल प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बताया. कार्ययोजना की समीक्षा और प्रमुख निर्देश जारी करने के बाद आदित्यनाथ ने कहा कि यह मिशन केवल जल शोधन तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने के एक व्यापक प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है. बयान के अनुसार, नदी को राज्य की सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मिशन केवल एक प्रशासनिक अभ्यास से कहीं अधिक होना चाहिए और समाज के हर वर्ग को शामिल करते हुए एक जन आंदोलन के रूप में विकसित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पहल पर्यावरणीय जिम्मेदारी और अंतर-पीढ़ीगत प्रतिबद्धता का प्रतीक बनेगी. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य नदी के जैविक, सांस्कृतिक और सौंदर्यपरक पुनरुद्धार का है.
गोमती टास्क फोर्स का गठन
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत इस वर्ष जनवरी में गठित गोमती टास्क फोर्स में राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के परियोजना निदेशक और सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम, लखनऊ नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रतिनिधियों के साथ-साथ विषय विशेषज्ञ भी शामिल हैं. बयान के अनुसार, टास्क फोर्स ने पैदल और नाव गश्त के माध्यम से 70,000 से अधिक नागरिकों को संगठित किया है. 1,000 टन से अधिक जलकुंभी को हटाया है. प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने के लिए नालों का सर्वेक्षण किया है और 100 से अधिक जागरूकता अभियान चलाए हैं. बयान में कहा गया है कि इस वर्ष 21 अप्रैल से 21 जून के बीच आयोजित ‘नदी योग अभियान’ के तहत नदी के पांच प्रमुख घाटों पर कई गतिविधियां और सफाई अभियान भी आयोजित किए गए थे. बयान में कहा गया है कि आगे बढ़ते हुए अधिकारियों को टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने और मुख्यमंत्री कार्यालय को तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. अधिकारियों ने कहा कि आदित्यनाथ ने यह भी आश्वासन दिया है कि ट्रैक बोट, फ्लोटिंग बैरियर और उत्खनन सहित आवश्यक उपकरणों की किसी भी कमी को रोकने के लिए मिशन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे.
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