Bangladesh Violence : हसीना सरकार जाने के बाद बांग्लादेश में ऐसा लग रहा है कि हिंसा कुछ हद ही शांत हुई है. शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर संसद को घेरने का काम किया.
Bangladesh Violence : शेख हसीना सरकार का तख्ता पलट होने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है. बांग्लादेश संसद के पास शुक्रवार को प्रदर्शनकारी जमा हो गए और उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. साथ ही हल्का बल का प्रयोग किया और ध्वनि ग्रेनेड का इस्तेमाल भी किया. प्रदर्शनकारियों ने जुलाई चार्टर नाम एक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर को लेकर अनिश्चितता के बीच संसद परिसर खाली करने से इनकार कर दिया था. बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट के अनुसार, जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर समारोह के लिए बनाए गए मंच के सामने सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे.
मंच के सामने हो गए थे इकट्ठा
जुलाई चार्टर के लिए इकट्ठा होने वाले प्रदर्शनकारियों ने राज्य द्वारा मान्यता, कानूनी सुरक्षा और अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को गिराने वाले प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए लोगों के पुनर्वास की मांग कर रहे थे. समाचार पोर्टल में आगे लिखा कि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सुबह संसद के मुख्य द्वार फांदकर परिसर में प्रवेश किया और फिर मंच के सामने इकट्ठा हो गए. इसके बाद सुरक्षाबलों ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो वह इकट्ठा हो गए और फिर नारे लगाने लग गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की, संसद भवन के सामने बने अस्थायी कक्ष, अस्थायी नियंत्रण कक्ष और फर्नीचर में आग लगा दी.
संसद परिसर से किया खदेड़ने का काम
पुलिस ने उन्हें चौक से हटाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. साथ ही अधिकारियों ने उन्हें संसद परिसर से बाहर खदेड़ने का काम किया और कई प्रदर्शनकारियों पर लाठी बरसाने के साथ आंसू गैस व ध्वनि ग्रेनेड भी दागे. अंतरिम सरकार द्वारा गठित आयोग और राजनीतिक दलों के बीच लंबी बातचीत के बाद जुलाई चार्टर का मसौदा तैयार किया गया. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की एक प्रमुख सहयोगी, नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने कहा है कि वह इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं करेगी. यूनुस के आशीर्वाद से फरवरी में गठित छात्र-नेतृत्व वाले संगठन के मुख्य समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने गुरुवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि NCP जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर नहीं करेगी. एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने पहले कहा था कि कुछ राजनीतिक दल (राष्ट्रीय) आम सहमति के नाम पर इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं और लोगों को धोखा दे रहे हैं. सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय सहमति आयोग द्वारा तैयार किए गए चार्टर में देश चलाने के लिए 80 से ज्यादा सिफारिशें शामिल की गईं हैं.
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