Home Latest News & Updates ‘मजूबर करने के लिए परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमे दायर किए…’ जानें ऐसा क्यों बोले पूर्व CJI रमना

‘मजूबर करने के लिए परिवार के सदस्यों के खिलाफ मुकदमे दायर किए…’ जानें ऐसा क्यों बोले पूर्व CJI रमना

by Sachin Kumar
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Ex CJI Ramana : पूर्व सीजेआई एनवी रमना VIT-AP यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने का जिक्र किया.

Ex CJI Ramana : भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Former CJI NV Ramana) ने कहा कि मुझे मजबूर करने के लिए मेरे परिवार के लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए. VIT-AP यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व न्यायमूर्ति रमना ने YSRCP सरकार का नाम लिए बिना कहा कि संवैधानिक सिद्धांतों को बनाए रखने वाले न्यायपालिका के सदस्यों को भी दबाव और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जिन न्यायाधीशों की कोई भूमिका नहीं थी उनके परिवार के सदस्य राजनीतिक संगठनों के जमानती बन गए. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप लोग इस बात को जानते हैं कि मेरे परिवार के सदस्यों को किस तरह निशाना बनाया गया और उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए. यह सिर्फ मुझे मजबूर करने के लिए किया गया.

तीन राजधानियों का किया विरोध

पूर्व सीजेआई रमना ने कहा कि बुरे दौर में किसानों के प्रति सहानुभूति रखने वाले खिलाफ सभी लोगों को दबाव का सामना करना पड़ा. वह न्यायमूर्ति रमना वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन का जिक्र कर रहे थे, जिसने अमरावती को आंध्र प्रदेश की एकमात्र राजधानी के रूप में रद्द करने और तीन राजधानी को बनाने का विरोध किया था, जिसमें मुख्य रूप से विशाखापत्तनम प्रशासनिक राजधानी, अमरावती-विधानसभा राजधानी और कुरनूल-न्यायिक राजधानी थी. उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जब कोई नेता चुप्पी साधे हुए थे उस वक्त वकील और अदालतें ही अपने संवैधानिक कार्यों के लिए अडिग थीं. उन्होंने आगे कहा कि भले ही सरकार अपने रुख से बदल जाएं लेकिन अदालतें और कानून ही शासन की स्थिरता का आधार बनते हैं.

किसानों के संघर्षों से प्रेरणा मिलती है : पूर्व CJI

उन्होंने कहा कि कानून का राज तभी तक संभव होता है जब लोग जनता के विश्वास पर भरोसा करते हैं और सुविधा के लिए अपनी ईमानदारी का त्याग करने से इनकार कर देते हैं. इसके अलावा पूर्व न्यायाधीश ने अमरावती के पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मैं इस जगह के किसानों को अच्छी तरह से जानता हूं कि जिन्होंने हमेशा सरकारी मशीनरी का साहसपूर्वक सामना किया है. साथ ही मुझे भी किसानों के संघर्षों से खूब प्रेरणा मिलती है. मैं न्यायिक व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपना विश्वास बनाए रखने के लिए उनका भी आभार व्यक्त करता हूं. बता दें कि आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू के सत्ता में आने के बाद अमरावती में परियोजना को एक बार फिर से पुनर्जीवित किया गया है और अब काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है.

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