Leopard attack: महाराष्ट्र के पुणे जिले में तेंदुए के हमले से 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. तेंदुए के हमले से गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर बवाल कर दिया.
Leopard attack: महाराष्ट्र के पुणे जिले में तेंदुए के हमले से 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई. तेंदुए के हमले से गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर बवाल कर दिया. लोगों ने तोड़फोड़ करने के बाद वन विभाग के एक वाहन में आग लगा दी. जिससे वाहन जलकर राख हो गया. वनकर्मियों ने भागकर अपनी जान बचाई. अधिकारियों ने सोमवार को तेंदुए को पकड़कर मारने का आदेश दिया. वन अधिकारियों ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए क्षेत्र में पांच शार्पशूटरों की एक टीम तैनात की गई है. जिले के जुन्नार, अम्बेगांव, शिरूर जैसे तेंदुए के हमले की आशंका वाले क्षेत्रों के लोगों ने सोमवार को पुणे-नासिक राजमार्ग पर अवसारी के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. तेंदुए के लगातार हमलों को देखते हुए वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से लोगों में काफी आक्रोश था. पिछले एक महीने में शिरूर क्षेत्र में तेंदुए के हमलों में तीन लोगों की मौत हो गई, जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया.
गोली मारने के आदेश
उधर, वन विभाग के अधिकारी ने कहा कि आज हम एक कैमरा ट्रैप अभ्यास कर रहे हैं. ट्रैंकुलाइज़िंग प्रक्रिया के दौरान पकड़े गए तेंदुओं से स्वाब एकत्र किए जाएंगे. जुन्नार वन प्रभाग की सहायक वन संरक्षक स्मिता राजहंस ने कहा कि तेंदुए का सफाया कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रधान वन संरक्षक ने गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं. आज ट्रैंक्विलाइजिंग गन और सामान्य बंदूकों से लैस शार्पशूटरों की एक टीम जाल बिछाएगी और तेंदुओं को पकड़ेगी. इन तेंदुओं को स्वाब संग्रह प्रक्रिया के लिए एक पुनर्वास केंद्र में रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि रविवार को पिंपरखेड़ गांव में एक तेंदुए ने रोहन बॉम्बे (13) को उस समय मार डाला जब वह खेतों के पास खेल रहा था.
सड़क पर उतरे ग्रामीण
अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने वन विभाग की एक गश्ती गाड़ी में आग लगा दी और इलाके में बार-बार हो रहे तेंदुए के हमले के विरोध में वन विभाग के आधार शिविर के बाहर प्रदर्शन किया. भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, पुणे के जुन्नार वन प्रभाग में हर 100 वर्ग किलोमीटर में 6 से 7 तेंदुए हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रचुर जल आपूर्ति, कृषि में लगी बढ़ती मानव आबादी और पालतू पशुओं की बढ़ती संख्या ने तेंदुओं के लिए इन इलाकों में रहने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया है.
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