HAQ Release Controversy: इमरान हाशमी और यामी गौतम की फिल्म हक़ रिलीज से पहले ही कंट्रोवर्सी में फंस गई है. इतना ही नहीं, अब मामला अदालत तक जा चुका हैं.
04 November, 2025
HAQ Release Controversy: शाहबानो केस ने 80 के दशक में पूरे देश में बहस छेड़ दी थी. अब वही कहानी फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह है एक फिल्म जिसका नाम है ‘हक़’. ये फिल्म इसी केस से इंस्पायर बताया जा रही है. इस फिल्म में इमरान हाशमी और यामी गौतम लीड रोल में हैं. हालांकि, ‘हक़’ की रिलीज से पहले ही ये फिल्म विवादों में फंस गई है. दरअसल, शाहबानो बेगम की बेटी सिद्दिका बेगम खान ने इस फिल्म को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

जानें पूरा मामला
सिद्दिका बेगम खान ने इंदौर बेंच में पिटीशन फाइल करके फिल्म ‘हक़’ की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि, फिल्म उनकी मां की ज़िंदगी की सच्चाई को गलत तरीके से दिखा रही है. इतना ही नहीं इस फिल्म को बिना परिवार की परमिशन के बनाया गया है. वैसे, इमरान और यामी की इस फिल्म को सुपर्ण एस वर्मा ने डायरेक्ट किया है. ये मूवी 7 नवंबर, 2025 यानी आने वाले शुक्रवार को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है. इसके अलावा सिद्दिका बेगम खान की तरफ से वकील तौसीफ वारसी ने बताया कि, ये पिटीशन सोमवार को पहली बार कोर्ट में सुनी गई.
यह भी पढ़ेंः Baahubali The Epic की गूंज से थर्राया बॉक्स ऑफिस! The Taj Story ने दिखाई अपनी चमक, जानें बाकी फिल्मों का भी हाल
कौन थीं शाहबानो बेगम?
शाहबानो इंदौर की रहने वाली थीं. साल 1978 में उनके वकील-पति मोहम्मद अहमद खान ने उन्हें तलाक दिया था. इसके बाद शाहबानो ने गुज़ारा भत्ता (maintenance) के लिए कोर्ट में पिटीशन फाइल की. ये मामला धीरे-धीरे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और साल 1985 में अदालत ने शाहबानो के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस फैसले में कहा गया कि तलाक के बाद भी मुस्लिम महिलाओं को कानून के तहत भरण-पोषण का अधिकार है. हालांकि, कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुछ मुस्लिम संगठनों ने काफी विरोध किया. इस वजह से राजीव गांधी सरकार ने साल 1986 में मुस्लिम वुमन (Protection of Rights on Divorce) Act बनाया. इस नए कानून ने सुप्रीम कोर्ट के उस ऐतिहासिक निर्णय को निष्प्रभावी यानी बेअसर कर दिया.

अब क्यों बढ़ा विवाद?
सिद्दिका बेगम खान का कहना है कि उनकी मां की ज़िंदगी किसी फिल्म की इमेजिनेशन नहीं, बल्कि असली स्ट्रगल की कहानी है. इसे बिना परमिशन और तोड़-मरोड़कर दिखाना ठीक नहीं है. इसके अलावा परिवार का दावा है कि फिल्म में दिखाए गए कई सीन्स सच से बहुत अलग हैं. अब सबकी नज़र हाई कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी है. अगर कोर्ट ने रोक लगा दी, तो ‘हक़’ की रिलीज़ फिलहाल टल सकती है. वहीं, अगर इस फिल्म को हरी झंडी मिल गई, तो शाहबानो की कहानी एक बार फिर बड़े पर्दे पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी.
