Home राज्यChhattisgarh शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शनः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की करोड़ों की संपत्ति कुर्क

शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शनः छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की करोड़ों की संपत्ति कुर्क

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
ED

ED Action: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली.

ED Action: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क कर ली. प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि ED ने 59.96 करोड़ रुपये मूल्य के 364 आवासीय भूखंडों, कृषि भूमि और सावधि जमा के रूप में 1.24 करोड़ रुपये की चल संपत्तियां कुर्क की हैं. एजेंसी ने राज्य में हुए शराब घोटाले में एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की.

शराब सिंडिकेट के सर्वेसर्वा थे चैतन्य बघेल

ED ने कहा है कि पुलिस जांच से पता चला कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अपराधों से अर्जित 2500 करोड़ रुपये से अधिक की आय से लाभार्थियों की जेबें भरी गईं. पीएमएलए के तहत ED की जांच से पता चला कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के सर्वेसर्वा थे. ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री के बेटे के रूप में उनकी स्थिति ने उन्हें शराब सिंडिकेट का नियंत्रक बना दिया. वह सिंडिकेट द्वारा एकत्र किए गए सभी अवैध धन का हिसाब (खाता) बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार थे. ऐसे धन के संग्रह, चैनलाइज़ेशन और वितरण से संबंधित सभी बड़े फैसले उनके निर्देशों के तहत लिए गए थे.

‘विट्ठल ग्रीन’ कंपनी में पैसा लगाने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया कि चैतन्य बघेल ने अवैध आय को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के माध्यम से बढ़ाया और बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया. चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से प्राप्त पैसे को अपनी रियल एस्टेट परियोजना ‘विट्ठल ग्रीन’ के विकास में लगाया. बयान में कहा गया है कि चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई, 2025 को गिरफ्तार किया था. वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है. इससे पहले इस मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कवासी लखमा (विधायक और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री) को ईडी ने गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ेंः संघर्ष कर रहे कर्मचारियों को धोखा देने का काम कर रही है DMK सरकार : केंद्रीय मंत्री मुरुगन

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?