UP News: सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दो पैन कार्ड रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया. सात साल तक की जेल की सजा सुनाई गई.
UP News: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सोमवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने अलग-अलग जन्मतिथि का उपयोग करके दो पैन कार्ड रखने के आरोप में दोषी ठहराया और सात साल तक की जेल की सजा सुनाई. रामपुर एमपी/एमएलए अदालत द्वारा दोहरे पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान, बेटे अब्दुल्ला को जेल भेज दिया गया. अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्य ने बताया कि फैसला सुनाते हुए विशेष मजिस्ट्रेट (एमपी/एमएलए कोर्ट) शोभित बंसल ने दस्तावेजी साक्ष्य और गवाहों की गवाही के बाद पिता और पुत्र दोनों को दोषी ठहराया. मौर्य ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष फैसले की समीक्षा करेगा और अगर उसे लगता है कि सजा अपर्याप्त है तो वह अपील दायर करने पर विचार कर सकता है. यह पूछे जाने पर कि क्या दोषसिद्धि के बाद आजम खान और अब्दुल्ला को हिरासत में लिया जाएगा, मौर्य ने जवाब दिया, हां, बिल्कुल. मौर्य ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष फैसले की समीक्षा करेगा और अगर उसे लगता है कि सजा अपर्याप्त है तो अपील दायर करने पर विचार कर सकता है.
रामपुर में दर्ज था धोखाधड़ी का केस
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत मामला दर्ज कराया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, अब्दुल्ला ने आयकर विभाग से एक पैन कार्ड प्राप्त किया था जिसमें उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी, 1993 बताई गई थी, जो उनके स्कूल और हाई स्कूल के प्रमाणपत्रों में दर्ज जन्मतिथि से मेल खाती थी. उसी तारीख का उपयोग उनके द्वारा संचालित भारतीय स्टेट बैंक खाते के रिकॉर्ड में भी किया गया था. अदालत ने माना कि अब्दुल्ला ने अपने पिता के साथ साजिश में जाली पैन कार्ड हासिल किया था और इसे आधिकारिक रिकॉर्ड में जमा किया था. समाजवादी पार्टी (एसपी) के संस्थापक सदस्य आजम खान लगभग 23 महीने की कैद के बाद 23 सितंबर को सीतापुर जेल से बाहर आए थे.
अलग-अलग जन्मतिथि के थे दो पैनकार्ड
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई, 2019 को रामपुर में अब्दुल्ला के खिलाफ धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. उन पर गलत जन्मतिथि का उपयोग करके यात्रा दस्तावेज प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था. शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला को 10 जनवरी, 2018 को पासपोर्ट जारी किया गया था. पासपोर्ट में जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 दर्ज है, लेकिन उनके शैक्षिक प्रमाणपत्रों में 1 जनवरी, 1993 दर्ज है. सक्सेना ने 6 दिसंबर, 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला और आजम खान के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला ने 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपने चुनावी हलफनामे में गलत पैन नंबर दिया था. सक्सेना ने आजम खान पर धोखेबाज और झूठा होने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ सपा नेता ने अपने बेटे को चुनाव लड़ाने के लिए धोखाधड़ी से दो पैन कार्ड बनवाए. उनके अनुसार, अब्दुल्ला ने कथित तौर पर भारत के चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में इस तथ्य को छुपाया. अब्दुल्ला ने हलफनामे में एक पैन नंबर दिखाया, लेकिन अपने आयकर रिटर्न दस्तावेजों में दूसरे नंबर का इस्तेमाल किया.
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