Chandigarh News : चंडीगढ़ को राज्यपाल के संवैधानिक दायरे में लाने के लिए केंद्र ने तैयारी शुरु कर दी है. दिसंबर से शुरू होने जा रहे सत्र में सरकार बिल लेकर आएगी और अब इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
Chandigarh News : हरियाणा और पंजाब के संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ को राज्यपाल के संवैधानिक दायरे में लाने के लिए केंद्र तैयारी कर रहा है. लोकसभा और राज्यसभा के बुलेटिन के मुताबिक, सरकार एक दिसंबर को इस मामले में 131वां संविधान संशोधन विधयेक-2025 पेश करेगी. इसी बीच चंडीगढ़ में एक इंडिपेंडेंट एडमिनिस्ट्रेटर अपॉइंट करने वाले बिल को लेकर बीजेपी आलोचनाओं का सामना कर रही है. इसी बीच पंजाब बीजेपी चीफ सुनील जाखड़ ने रविवार को कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का जरूरी हिस्सा है और उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र शासित प्रदेश को लेकर कन्फ्यूजन दूर हो जाएगा. साथ ही चंडीगढ़ पंजाब का जरूरी हिस्सा है और वह राज्य के हितों के लिए मजबूती के साथ खड़ी है.
बातचीत से सुलझा लिया जाएगा मुद्दा
सुनील जाखड़ ने कहा कि चंडीगढ़ को लेकर जितने भी कन्फ्यूजन हैं, उसे सरकार से बात करके सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने एक पंजाबी होने के नाते मैं आप लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे लिए पंजाब सबसे पहले आता है. केंद्र सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाने के लिए प्रपोजल दिया है, जो राष्ट्रपति को UT के लिए रेगुलेशन बनाने और सीधे कानून बनाने का अधिकार देता है. एक दिसंबर को आने वाला बिल अगर संसद में पारित हो जाता है तो चंडीगढ़ में एक इंडिपेंडेंट एडमिनिस्ट्रेटर हो सकता है, जैसा पहले एक इंडिपेंडेंट चीफ सेक्रेटरी हुआ करता था.
विपक्षी पार्टियों ने केंद्र का विरोध
इस संशोधन से पंजाब में सियासत गरमा गई है, जिसमें सत्तारूढ़ AAP, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने केंद्र सरकार की आलोचना की है. साथ ही केंद्र पर पंजाब से चड़ीगढ़ छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. अभी पंजाब के गवर्नर UT चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर काम करते हैं. पहले एक नंवबर, 1966 को पंजाब के रीऑर्गेनाइज़ेशन के बाद से इसे एक चीफ सेक्रेटरी इंडिपेंडेंटली एडमिनिस्ट्रेट करते थे. लेकिन एक जून, 1984 से चंडीगढ़ का एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब के गवर्नर के पास है और चीफ सेक्रेटरी का पद UT एडमिनिस्ट्रेटर के एडवाइजर का कर दिया गया था.
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