Saphala Ekadashi Puja Vidhi: बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आता है कि व्रत किस दिन रखें और पूजा कैसे करनी हैं. यहां आपको सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताई गई है.
8 December, 2025
Saphala Ekadashi Puja Vidhi: एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. पौष मास में आने वाली दोनों एकादशी- सफला एकादशी और पुत्रदा एकदाशी का भी विशेष महत्व है. सफला एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा होती है. जैसा की नाम से पता चलता है कि सफला एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से सफलता मिलती है. आपको करियर में सफलता मिलती है और धन आने के रास्ते खुलते हैं. बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आता है कि व्रत किस दिन रखें और पूजा कैसे करनी हैं. यहां आपको सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि बताई गई है.
सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त
कई लोग उलझन में है कि सफला एकादशी का व्रत किस दिन रखा जाएगा, क्योंकि इसकी तिथि 14 दिसंबर और 15 दिंसबर, दोनों दिन पड़ रही है. पांचांग के अनुसार, एकदाशी तिथि 14 दिंसबर को रात 8 बजकर 46 पर शुरु होगी. वहीं इसका समापन 15 दिसंबर की रात 10 बजकर 09 मिनट पर होगा. इसलिए सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर को सोमवार के दिन रखा जाएगा. वहीं पूजा करने का शुभ मुहूर्त 15 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक रहेगा.

सफला एकादशी की पूजा विधि
सफला एकदशी के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. मंदिर को साफ करें. एक चौकी लगाकर उस पर पीला वस्त्र बिछा दें. उस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. हाथ में गंगाजल लेकर व्रत करने का संकल्प लें. गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें. पीले वस्त्र, पीले फूले, पीला चंदन, अक्षत और तुलसी दाल चढ़ाएं. केला, नारियल, मिठाई, फल और लौंग का भोग लगाएं. घी का दीपक जलाएं. विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा या विष्णु मंत्र का जाप करें. एकादशी की व्रत कथा सुनें. मां लक्ष्मी की आरती करें.
अगले दिन पारण करें
अगले दिन द्वादशी तिथि को सुबह जल्दी उठकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें. आरती के बाद बिना लहसुन और प्याज के सात्विक भोजन बनाएं. भोजन में गंगाजल और तुलसी के पत्ते मिलाएं. ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान- दक्षिणा दें. इसके बाद भगवान का नाम लेकर खुद भोजन करें. इस तरह आपका सफला एकादशी का व्रत सफल होता है. अगर आप व्रत नहीं रख सकते तो आप केवल पूजा करके भी भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं.
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