Priyanka on Vande Matram: देश के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के 150 साल वर्ष पूरे हो रहे हैं और इस मौके पर संसद में बहस कराई गई. जहां पर पक्ष और विपक्ष ने जमकर एक-दूसरे पर हमला बोला.
Priyanka on Vande Matram: केरल की वायनाड संसदीय सीट से लोकसभा सांसद ने वंदे मातरम् की बहस में हिस्सा लिया. उन्होंने इसके राष्ट्र निर्माण में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि संसद में इस वक्त चर्चा इसलिए कराई जा रही है, क्योंकि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ भावना नहीं है, बल्कि देश में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई की ताकत और नैतिकता का प्रतीक है. अब उनका यह भाषण काफी चर्चाओं में बना हुआ है और लोग इसको सोशल मीडिया पर जमकर शेयर कर रहे हैं. इसी बीच आप उनके भाषण से जुड़ी 10 बड़ी बातों को पढ़ें जो उन्होंने पार्लियामेंट में कही…
1) प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वंदे मातरम् गीत ने ब्रिटिश साम्राज्य को झुकने पर मजबूर कर दिया था. साथ ही वंदे मातरम् का नाम लेते ही देश के स्वतंत्रता संग्राम की यादें और साहस सामने आने लगता है.
2) कांग्रेस नेता कहा कि जब 1930 के दशक में सांप्रदायिक राजनीति उभरी तो यह गीत काफी विवादों में आने लगा. इसके बाद साल1937 में जब सुभाष चंद्र बोस कोलकाता में कांग्रेस अधिवेशन का आयोजन कर रहे थे. 20 अक्तूबर को लेटर पढ़कर सुनाया, लेकिन इससे पहले नेताजी ने जो नेहरू को लेटर लिखा था उसका जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने नहीं किया.
3) वहीं, 17 अक्तूबर की चिट्ठी के जवाब में पंडित नेहरू ने अपनी 20 अक्तूबर की चिट्ठी में लिखा कि मैंने तय किया है कि 25 अक्तूबर कलकत्ता आऊंगा और टेगौर से मिलूंगा. 28 अक्तूबर को कांग्रेस ने वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत घोषित किया. इस दौरान सभी महापुरुष मौजूद थे और सभी ने अपनी सहमति दर्ज की थी.
4) उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में दमन, दिखावा, ध्यान भटकाने, इवेंट मैनेजमेंट और चुनाव से चुनाव तक की राजनीति है. प्रियंका ने बताया कि ‘वंदे मातरम्’ देश की उन उम्मीदों की गुहार है, जिन्हें आपका शासन हर रोज ठुकरा रहा है. साथ ही जब इस देश के करोड़ों देशवासी तिरंगे को लहराते हुए देखते हैं, तो उनकी जुबान पर ‘वंदे मातरम्’ आता है.
5) प्रियंका ने कहा कि जितने साल से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, जवाहरलाल नेहरू उतने साल देश के लिए जेल में रहे हैं. इस देश के लिए जिए और देश की सेवा करते-करते उन्होंने दम तोड़ा.
6) कांग्रेस नेता ने बताया कि वंदे मातरम्’ के स्वरुप पर सवाल उठाना, जिसे संविधान सभा ने स्वीकार किया, उन महापुरुषों का अपमान है, जिन्होंने अपने महान विवेक से यह निर्णय लिया. यह एक संविधान विरोधी मंशा को भी उजागर करता है. क्या सत्ता पक्ष के साथी इतने अहंकारी हो गए हैं, जो खुद को- महात्मा गांधी, टैगोर, राजेंद्र प्रसाद, डॉ. अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और सुभाषचंद्र बोस से बड़ा समझने लग गए हैं.
7) उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे हैं और देश के लिए काम किया है. उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि ISRO नहीं बनाया होता, तो मंगलयान नहीं होता. DRDO नहीं बनाया होता, तो तेजस नहीं बनता. IIT-IIM नहीं बनवाए होते, तो हम IT में आगे नहीं होते. AIIMS नहीं बनवाते, तो कोरोना का सामना कैसे होता और BHEL-SAIL जैसे PSUs नहीं बनवाए होते, तो विकसित भारत कैसे बनता.
8) वायनाड सांसद ने कहा कि कांग्रेस के हर एक अधिवेशन में सामूहिक तौर पर वंदे मातरम् गाया जाता है. साथ ही BJP-RSS के अधिवेशनों में वंदे मातरम् गाया जाता है या नहीं? उन्होंने कहा कि देश की आत्मा के इस महामंत्र को विवादित करके BJP पाप कर रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इस पाप में शामिल नहीं होगी.
9) प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस- देश के लिए है, BJP- चुनाव के लिए है. साथ ही हम इस मिट्टी के लिए आपसे और आपकी विचारधारा से लड़ते रहेंगे. आप हमें रोक नहीं सकते.
10) इसके अलावा उन्होंने कहा कि मोदी जी ने अपने भाषण में कहा- 1896 में गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी ने पहली बार ‘वंदे मातरम्’ गीत को ‘एक अधिवेशन’ में गाया. लेकिन प्रधानमंत्री जी ये नहीं बता पाए कि वो कांग्रेस का अधिवेशन था- आखिर नरेंद्र मोदी किस बात से कतरा रहे थे?
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