Discussion on Vande Mataram : संसद में वंदे मातरम् की चर्चा का आज दूसरा दिन है. लोकसभा के अलावा आज राज्यसभा में भी चर्चा हुई और इस दौरान गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
Discussion on Vande Mataram : संसद के दोनों में सदनों में वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर चर्चा चल रही है. सत्ता और विपक्ष अपने बयानों से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं और साथ यह भी बता रहे हैं कि राष्ट्रगीत ने भारतीयों में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ चल रहे आंदोलन में ऊर्जा भरने का काम किया. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपनी बाद रखी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब वंदे मातरम के 50 साल पूरे हुए थे, तब भारत आज़ाद नहीं था. लेकिन जब वंदे मातरम की स्वर्ण जयंती हुई, तब जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम के 2 टुकड़े करके उसको 2 अंत्रों तक सीमित करने का काम किया था. इसी कड़ी में गृह मंत्री शाह के भाषण जुड़ी 10 बड़ी बातों को जानिए, जिसको पढ़ते-पढ़ते आपकी नजर नहीं हटेगी.
1) कांग्रेस के नेतृत्व में इस सदन में वन्दे मातरम् के गान को बंद कर दिया गया था. 1992 में BJP सांसद राम नाईक ने वन्दे मातरम् को फिर से गाने की शुरुआत करने का विषय उठाया. उस समय नेता प्रतिपक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा के स्पीकर से कहा कि इसका गान सदन में होना चाहिए. फिर 1992 में लोकसभा ने वन्दे मातरम् के गान की शुरुआत हुई
2) शाह ने कहा कि उस दौरान वन्दे मातरम् देश को आजाद बनाने का कारण बना और अमृत काल में देश को विकसित और महान बनाने का यह माध्यम बनेगा.
3) उन्होंने बताया कि हम सबका यह साझा दायित्व है कि हम बच्चे-बच्चे के मन में वन्दे मातरम् के संस्कार पुनर्जीवित करें, युवाओं के मन में इसे प्रतिष्ठित करें, हर किशोर को इसके मार्ग पर अपना जीवन जीने के लिए प्रेरित करें.
4) गृह मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ के लिए ‘वंदे मातरम’ गीत के बंटवारे से भारत का बंटवारा हुआ और उन्होंने विपक्षी दलों पर राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे होने पर होने वाली बहस को पश्चिम बंगाल के आने वाले चुनावों से जोड़ने के लिए उनकी आलोचना कीय
5) सदन में बहस शुरू करते हुए शाह ने आगे कहा कि वंदे मातरम वह ‘मंत्र’ था जिसने भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को जगाया और यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता संग्राम के दौरान था.
6) राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब अंग्रेजों ने वंदे मातरम् पर कई प्रतिबंध लगाए तब बंकिम बाबू ने एक पत्र में लिखा था कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है मेरे सभी साहित्य को गंगा में बहा दिया जाए, यह मंत्र वंदे मातरम् अनंतकाल तक जीवित रहेगा, यह एक महान गान होगा और लोगों के हृदय को जीत लेगा और भारत के पुनर्निर्माण का यह मंत्र बनेगा.
7) शाह ने आगे कहा कि वंदे मातरम् ने एक ऐसे राष्ट्र को जागरूक किया जो अपनी दिव्य शक्ति को भुला चुका था. राष्ट्र की आत्मा को जागरूक करने का काम वंदे मातरम् ने किया इसलिए महर्षि अरविंद ने कहा वंदे मातरम् भारत के पुनर्जन्म का मंत्र है.
8) उन्होंने बताया कि वंदे मातरम् की दोनों सदनों में इस चर्चा से, वंदे मातरम् के महिमा मंडन से, वंदे मातरम् के गौरव गान से हमारे बच्चे, किशोर, युवा और आने वाली कई पीढ़ियां वंदे मातरम् के महत्व को भी समझेगी और उसको राष्ट्र के पुनर्निर्माण का एक प्रकार से आधार भी बनाएगी.
9) शाह ने कहा कि राष्ट्रगान की महिमा करने की कोई गुंजाइश नहीं थी. इंदिरा गांधी ने उन लोगों को जेल में डाल दिया जो वंदे मातरम का प्रचार करते थे और नारा लगाते थे.
10) इसको अलावा केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वंदे मातरम् की चर्चा के दौरान गांधी परिवार के दोनों सदस्य सदन से गैर-मौजूद थे. जवाहरलाल नेहरू से लेकर मौजूदा नेतृत्व तक, कांग्रेस वंदे मातरम का विरोध करती रही है.
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