Fertilizer Scam: सरकार ने उर्वरक घोटाले पर बड़ी कार्रवाई की है.किसानों की जेब पर डाका डालने वालों के खिलाफ मोदी सरकार ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है.
Fertilizer Scam: सरकार ने उर्वरक घोटाले पर बड़ी कार्रवाई की है.किसानों की जेब पर डाका डालने वालों के खिलाफ मोदी सरकार ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है. कालाबाजारी करने पर 5,371 उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए गए.जबकि 442 पर FIR दर्ज की गई. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार ने कालाबाजारी, जमाखोरी और घटिया सामग्री वितरित करने के आरोप में 5,371 उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. भाजपा सदस्य किरण चौधरी द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में नड्डा ने कहा कि राज्यों को धांधली पर कार्रवाई करने का अधिकार है, जबकि केंद्र सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत कार्रवाई करती है जिससे जमाखोरी और कालाबाजारी पर लगाम लगाई जा सके. उन्होंने कहा कि घटिया सामग्री पर कार्रवाई उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत की जाती है.
घटिया सामग्री पर 3,811 फर्मों को कारण बताओ नोटिस
नड्डा ने कहा कि 1 अप्रैल से 28 नवंबर तक कालाबाजारी के 5,058 मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. जबकि 442 मामलों में एफआईआर दर्ज की गईं और 3,732 लाइसेंस रद्द किए गए. इसी तरह जमाखोरी के 687 मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए.जबकि 202 मामलों में लाइसेंस रद्द किए गए और 446 एफआईआर दर्ज की गईं. घटिया सामग्री वितरित करने के मामले में 3,811 फर्मों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए. जबकि 1,437 लाइसेंस रद्द किए गए और 65 एफआईआर दर्ज की गई. मंत्री नड्डा ने यह भी बताया कि डायवर्जन के मामले में 3,058 उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए. जबकि 464 लाइसेंस रद्द और 96 एफआईआर दर्ज की गई. नड्डा ने कहा कि पिछले 7 महीनों में 12,814 उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. जबकि 5,835 लाइसेंस रद्द किए गए और 649 एफआईआर दर्ज की गई. इसमें से 442 एफआईआर कालाबाजारी पर दर्ज की गई हैं.
जमाखोरों पर कार्रवाई करे राज्य सरकार
मंत्री ने कहा कि केंद्र ने हर राज्य को उर्वरकों की आपूर्ति की है और एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली के माध्यम से आपूर्ति की वास्तविक निगरानी की जाती है. नड्डा ने कहा कि हालांकि हम यह भी जानते हैं कि उर्वरक का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन यह भी सर्वविदित है कि डीलर जमाखोरी कर रहे हैं, जिसका राज्य सरकार को ध्यान रखना होगा. लेकिन जहां तक उर्वरक का सवाल है, वे हर जगह समय पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि एक किसान के पास 10 बोरी उर्वरक इस्तेमाल करने की क्षमता हो सकती है, लेकिन वह 50 बोरी उर्वरक ले जाता है, जिसका ध्यान रखना होगा और राज्य सरकार को इससे निपटने में केंद्र की सहायता प्रदान करनी होगी. भाजपा सदस्य चौधरी ने कहा कि सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि किसानों को उर्वरकों के अलावा अन्य उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे उनके लिए वित्तीय संकट पैदा होता है. उन्होंने वितरण कंपनियों द्वारा इस तरह की गतिविधियों को दंडित करने के लिए एक मानक प्रोटोकॉल बनाने का आह्वान किया. नड्डा ने कहा कि मंत्रालय इस मुद्दे पर डीलरों और कंपनियों के साथ चर्चा करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.
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