City of Textile: टेक्सटाइल की दुनिया में एक शहर ऐसा है, जो इसलिए चमकता है क्योंकि यहां हर धागे में बिजनेस, तकनीक और ट्रेडिशन का खूबसूरत कॉम्बिनेशन मिलता है. क्या आप जानते हैं भारत के उस शहर का नाम?
10 December, 2025
City of Textile: भारत में कई शहर अपनी खास पहचान रखते हैं, लेकिन जब बात टेक्सटाइल यानी कपड़ों के बिजनेस की आती है, तो एक नाम हमेशा सबसे आगे रहता है और वो है, कोयम्बटूर. तमिलनाडु का ये शहर इतने बड़े पैमाने पर सूती धागा, कपड़ा, फैब्रिक और टेक्सटाइल मशीनरी बनाता है कि इसे पूरे देश में टेक्सटाइल सिटी ऑफ इंडिया कहा जाता है. कोयम्बटूर में हजारों स्पिनिंग मिल्स, गारमेंट यूनिट्स और टेक्सटाइल फैक्ट्रियां हैं, जहां रोजाना लाखों मीटर कपड़ा तैयार होता है. यहां का क्लाइमेट स्पिनिंग के लिए सही माना जाता है. यही वजह है कि ये शहर कपास और धागे का सेंटर बन चुका है.

टेक्सटाइल सिटी
कोयम्बटूर की मजबूत इंडस्ट्रियल बेल्ट, बढ़िया वर्कर और एडवांस मशीनरी इस शहर को देश की सबसे बड़ी टेक्सटाइल पावर्स में से एक बनाते हैं. वैसे कोयम्बटूर को टेक्सटाइल सिटी ऑफ इंडिया का नाम सिर्फ इसलिए नहीं मिला कि यहां ज्यादा मिलें हैं, बल्कि इसलिए मिला है क्योंकि, ये शहर टेक्सटाइल प्रोडक्शन का पूरा इकोसिस्टम रखता है. कपास की खरीद से लेकर धागा बनाने, कपड़ा बुनने, रंगाई, प्रिंटिंग और सिलाई तक का पूरा प्रोसेस यहीं पूरा हो जाता है. इसी वजह से प्रोडक्शन तेज, सस्ता और आसान हो जाता है.
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एक्सपोर्ट में भी आगे
कोयम्बटूर देश में सूती धागे के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है. यहां बना यार्न महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के बड़े टेक्सटाइल हब्स तक भेजा जाता है. यही धागा शहरों की गारमेंट फैक्ट्रियों में कपड़ों का रूप लेता है और इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचता है. वैसे, ये शहर सिर्फ देश की ज़रूरतें ही पूरी नहीं करता, बल्कि दुनिया भर में यार्न, तौलिए, निटवेअर, फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल भी एक्सपोर्ट करता है. इससे फॉरेन करेंसी आती है और दुनिया में भारत की टेक्सटाइल पहचान मजबूत होती है. दूसरी तरफ कोयम्बटूर में सिर्फ कपड़ा नहीं बनता, बल्कि वो मशीनें भी बनती हैं, जिनसे कपड़ा बनाया जाता है. यहां तैयार टेक्सटाइल मशीनरी भारत ही नहीं, एशिया के कई देशों में भेजी जाती है. इसे एशिया का बड़ा टेक्सटाइल मशीनरी हब भी कहा जाता है.

दिलचस्प फैक्ट्स
भारत में टेक्सटाइल बिजनेस हजारों साल पुराना है, जिसकी शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता में हुई थी. ये देश का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है. इसके अलावा कपास दुनिया की सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नेचुरल फाइबर है और भारत इसके सबसे बड़े उत्पादकों में से है. पॉलिएस्टर, नायलॉन और एक्रेलिक जैसे सिंथेटिक फाइबर आज स्पोर्ट्सवियर और होम फर्निशिंग में काफी पॉपुलर हैं. सबसे खास बात, भारत हर साल बड़ी मात्रा में गारमेंट और होम टेक्सटाइल एक्सपोर्ट करता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है.
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