EU-China Tariff War : चीन ने यूरोपीय ब्रांडी और पोर्क इंपोर्ट पर भी जांच की थी, जिसमें पाया गया कि ईयू द्वारा चीनी ईवी पर लगाए गए टैरिफ के जवाबी उपाय थे. इसके बाद बीजिंग ने टैरिफ लगाने का फैसला किया.
EU-China Tariff War : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार थमा नहीं था कि ड्रैगन ने यूरोपीय संघ से इंपोर्ट होने वाले दूध और पनीर समेत डेयरी प्रोडक्ट्स पर 42.7 प्रतिशत तक का प्रोविजनल टैरिफ लगाया है. हालांकि, चीन की तरफ से लगाया गया ये टैरिफ अस्थाई है और बातचीत के बाद कुछ बदलाव भी हो सकते हैं लेकिन ग्लोबल पॉलिटिक्स के लिए ये फैसला काफी कुछ माइने रखता है. बताया जा रहा है कि ये बढ़ी हुई ड्यूटी मंगलवार से लागू होगी. बीजिंग ने साल 2024 में यूरोपियन यूनियन को उनके डेयरी और अन्य कृषि उत्पादों को दी जाने वाली सब्सिडी की समीक्षा की. इसके अलावा चीन ने देखा कि EU ने चीन में बनी EV पर 45.3 फीसदी का टैरिफ लगा दिया था.
चीन के उद्योग को पहुंचा काफी नुकसान
चीन ने यूरोपीय ब्रांडी और पोर्क इंपोर्ट पर भी जांच की थी, जिसमें पाया गया कि ईयू द्वारा चीनी ईवी पर लगाए गए टैरिफ के जवाबी उपाय थे. इसके बाद चीन ने अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल पर लगाए टैरिफ को खत्म करने का आग्रह किया था, जिस पर EU ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसी बीच चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि EU डेयरी इंपोर्ट पर अस्थायी ड्यूटी 21.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 42.7 फीसदी के बीच होगी. साथ ही ताजा और प्रोसेस्ड पनीर, ब्लू चीज और दूध पर 10 प्रतिशत से अधिक फैट वाली क्रीम समेत डेयरी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाया है. इस पूरे मामले पर मंत्रालय ने कहा कि उसकी शुरुआती जांच में पता चला है कि यूरोपियन यूनियन के देशों के डेयरी प्रोडक्टस को दी जाने वाली सब्सिडी से चीन के डेयरी उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है.
घरेलू पोर्क इंडस्ट्री को भी हुआ नुकसान
चीन और यूरोपीय देशों के बीच रिश्तों में तनाव चरम पहुंचा है और हाल ही में चीन का ट्रेड सरप्लस चर्चा में आ गया है. पिछले साल EU का चीन के साथ बड़ा ट्रे़ड डेफिसिट था, जो 300 बिलियन यूरो से ज्यादा था. बीते हफ्ते ही बीजिंग ने घोषणा की थी कि वह यूरोपियन यूनियन के देशों पर पोर्क इंपोर्ट 19.8 प्रतिशत तक टैरिफ लगा रहा है. इसके अलावा चीन ने यूरोपीयन कंट्री पर पोर्क और सूअर के बाय प्रोडक्ट्स की डंपिंग करने और उन्हें कम कीमतों पर बेचने का आरोप लगाया है. यही वजह है कि घरेलू पोर्क इंडस्ट्री को काफी नुकसान हुआ है, जुलाई में बीजिंग ने ईयू से इंपोर्ट होने वाली ब्रांडी पर 34.9 प्रतिशत तक टैरिफ की थी. हालांकि, कई सारे ब्रांडी ब्रांड्स पर छूट दी गई थी.
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