Home Latest News & Updates पुलिस का अजब खेलः 11 अप्रैल से 12 मई तक जेल में…25 अप्रैल को मुठभेड़, फंस गए पुलिसकर्मी, FIR के आदेश

पुलिस का अजब खेलः 11 अप्रैल से 12 मई तक जेल में…25 अप्रैल को मुठभेड़, फंस गए पुलिसकर्मी, FIR के आदेश

by Sanjay Kumar Srivastava
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Fake Encounter Cases: यूपी के संभल जिले के 13 पुलिसकर्मी फर्जी मुठभेड़ मामले में फंस गए हैं. इन पुलिसकर्मियों में तत्कालीन इंस्पेक्टर भी हैं.

Fake Encounter Cases: यूपी के संभल जिले के 13 पुलिसकर्मी फर्जी मुठभेड़ मामले में फंस गए हैं. इन पुलिसकर्मियों में तत्कालीन इंस्पेक्टर भी हैं. मामला यह है कि पुलिस ने एक व्यक्ति को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने का दावा किया. जबकि वह पहले से ही जेल में बंद था. यही कहानी पुलिस के गले की फांस बन गई. संभल की एक स्थानीय अदालत ने एक पूर्व स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) और 12 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. पुलिस का दावा था कि एक व्यक्ति को डकैती के मामले में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था, जबकि वह उस समय जेल में बंद था. हालांकि पुलिस ने इस बीच कहा है कि वे इस आदेश को चुनौती देंगे. याचिकाकर्ता ओमवीर की ओर से पेश वकील सुकांत कुमार ने बताया कि चंदौसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर ने 24 दिसंबर को ओमवीर द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया.

पुलिसकर्मियों पर FIR का आदेश

ओमवीर ने आरोप लगाया था कि बहजोई पुलिस ने उसे लूट के मामले में झूठा फंसाया और मुठभेड़ के बाद उसकी गिरफ्तारी का सबूत पेश किया. वकील सुकांत कुमार ने बताया कि बहजोई पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक इलाके में 25 अप्रैल, 2022 को एक बैग से 1 लाख रुपये की लूट की शिकायत दर्ज की गई थी. उसी दिन इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई. जांच के दौरान 7 जुलाई 2022 को पुलिस ने एक फर्जी मुठभेड़ का नाटक रचा और 19 मोटरसाइकिलें और लूटी गई रकम बरामद होने का सबूत पेश किया. पुलिस ने इस मामले में ओमवीर और दो अन्य लोगों – धीरेंद्र और अवनीश को गिरफ्तार किया. हालांकि ओमवीर ने दावा किया कि उसे 11 अप्रैल, 2022 से बदायूं जेल में रखा गया था और उसी वर्ष 12 मई को रिहा किया गया था, जिससे उसके लिए 25 अप्रैल को डकैती करना असंभव है. याचिका में आरोप लगाया गया कि इसके बावजूद उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया और उसे इस मामले में जेल भेज दिया गया.

तत्कालीन SHO सहित क्राइम इंस्पेक्टर पर शिकंजा

अदालत ने तत्कालीन बहजोई स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) पंकज लावणिया, क्राइम इंस्पेक्टर राहुल चौहान, सब-इंस्पेक्टर प्रबोध कुमार, नरेश कुमार, नीरज कुमार और जमील अहमद, कांस्टेबल वरुण, आयुष, राजपाल, मालती चौहान और दीपक कुमार, हेड कांस्टेबल रूप चंद्र और एक अन्य कर्मी दुर्वेश के खिलाफ तीन दिनों के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने तत्कालीन सर्कल ऑफिसर (CO) गोपाल सिंह को राहत दी है, जबकि शिकायतकर्ता ने कहा कि वह उनके खिलाफ आगे कानूनी कार्रवाई करेगा. ओमवीर ने पत्रकारों को बताया कि उसने कथित फर्जी मुठभेड़ के बारे में पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अदालत का आदेश उसके लिए राहत की बात है. इस बीच बहजोई सर्कल ऑफिसर प्रदीप कुमार सिंह ने पीटीआई भाषा को बताया कि पुलिस को अभी तक अदालत का आदेश नहीं मिला है. संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार ने कहा कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करेगी और अदालत के आदेश को चुनौती देगी.

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