Home Religious Vat Savitri Vrat 2024: आज देशभर में मनाया जा रहा है वट सावित्री का पर्व, जानिए इसकी कथा

Vat Savitri Vrat 2024: आज देशभर में मनाया जा रहा है वट सावित्री का पर्व, जानिए इसकी कथा

by Pooja Attri
0 comment
vat savitri

Vat Savitri Puja: आज देशभर में वट सावित्री का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व है. हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ये पर्व मनाया जाता है. आइए जानते हैं क्यों रखा जाता है ये व्रत.

06 June, 2024

Vat Savitri Vrat 2024 Katha: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का खास महत्व है. आज देशभर में वट सावित्री का पर्व मनाया जा रहा है. पौराणिक मान्यतानुसार इस दिन व्रत धारण करने से पति की आयु लंबी होती है. हिंदू कैलेंडर के ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ये पर्व मनाया जाता है. सुहागिन स्त्रियों का जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है. साथ ही पति रोगमुक्त रहता है. इससे पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती आती है. इसकी कथा कुछ इस प्रकार है….

प्राचीन समय में मद्र देश के राजा अश्वपति और उनकी पत्नी मालवी एक पुत्री की कामना रखते थे. इसके लिए उन्होंने देवी सावित्री की तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर उन्हे एक तेजस्विनी कन्या को जन्म देने का वरदान मिला. कुछ समय बाद रानी मालवी ने एक सुंदर कन्या को जन्म दिया जिसका नाम सावित्री रखा गया.

शादी योग्य होने पर उन्होंने स्वयं अपना पति चुनने का निर्णय लिया और वन में भ्रमण के दौरान एक तपस्वी के पुत्र सत्यवान को देखकर विवाह करने का फैसला लिया. विवाह के बाद दोनों खुशी खुशी जीवन बिताने लगे.

एक दिन सत्यवान लकड़ियां काटते समय अचानक बेहोश हो गए और उनकी मृत्यु हो गई. सावित्री ने अपने दृढ़ निश्चय और तपस्या के बल पर यमराज से सत्यवान के प्राण वापस मांगने का संकल्प किया.

यमराज सत्यवान की आत्मा को लेकर जा रहे थे तो सावित्री भी उनके पीछे-पीछे चलने लगी. उनकी भक्ति और निष्ठा से प्रभावित होकर यमराज ने उनसे वरदान मांगने को कहा. सावित्री ने पहले अपने ससुर के लिए नेत्र ज्योति मांगी और फिर राज्य वापसी का वरदान मांगा. यमराज ने यह वरदान दे दिए.

इसके बाद सावित्री ने सौ पुत्रों की माँ बनने का वरदान मांगा. यमराज ने यह वरदान भी दे दिया, लेकिन सावित्री ने कहा कि बिना पति के वह यह वरदान कैसे पूरा करेगी. अंत में, यमराज ने सत्यवान को जीवित कर दिया और दोनों को दीर्घायु का वरदान दिया. तभी से सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए ये व्रत रखती आ रही हैं.

Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube Instagram

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?