Polo Grounds: इन दिनों मणिपुर के हर जिले में पोनी रिजर्व और पोलो मैदान बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. ये सराहनीय कार्य मणिपुरी पोनी’ या ‘मैतेई सागोल’ के संरक्षण से जुड़े एसोसिएशन कर रहे हैं.
09 June, 2024
Manipuri Pony: मणिपुर के हर जिले में इन दिनों पोनी रिजर्व और पोलो मैदान बनाने की कोशिश की जा रही है. ये प्रयास ‘मैतेई सागोल’ या ‘मणिपुरी पोनी’ के संरक्षण से जुड़े संगठन कर रहे हैं. मणिपुरी पोनी सोसायटी के प्रेसिडेंट प्रियरंजन ने कहा कि हमने वेट्रीनरी विभाग के साथ दो समितियां बनाई हैं. पहली समिति हर जिले में पोलो मैदान और पोनी रिजर्व बनाने के लिए है. दूसरी समिति पोनी को रजिस्टर करने और संरक्षण की लागत का अनुमान लगाने के लिए है.
क्या है मणिपुरी पोनी का मकसद
घोड़ा प्रेमियों के मुताबिक, इस पहला का मकसद ‘मणिपुरी पोनी’ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अहमियत के बारे में जागरूकता फैलाना है. मणिपुरी पोनी सोसायटी के प्रेसिडेंट प्रियरंजन ने आगे बताया कि सच्चाई ये है कि घोड़ों की मांग नहीं है, इसलिए पोनी के संरक्षण के लिए पोनी रिजर्व की तरह प्राकृतिक आवास बनाना और मणिपुर के हर जिले के गांवों में पहले की तरह पोलो को लोकप्रिय बनाना जरूरी है. ‘मणिपुरी पोनी’ भारतीय घोड़ों की पारंपरिक नस्ल है. ये नस्ल मणिपुर और असम में पाई जाती है.
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सरकार का नवीनतम कदम
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकार के इस नवीनतम कदम की घोषणा करते हुए कहा कि लुप्तप्राय मणिपुरी टट्टू की रक्षा के लिए उन्हें अब इम्फाल पश्चिम के लाम्फेलपत में सरकार द्वारा आवंटित 30 एकड़ घास के मैदान में एक नया घर दिया जा रहा है. वे स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं और चर सकते हैं. राज्य सरकार मणिपुरी टट्टू की रक्षा के लिए विभिन्न उपाय कर रही है, जो राज्य के इतिहास और संस्कृति से निकटता से जुड़ा हुआ है. हमने दुनिया को आधुनिक पोलो का खेल दिया और इस जानवर के महत्व को देखते हुए उनके संरक्षण के लिए जनता के समर्थन की आवश्यकता है. मैं बहुमूल्य लेकिन लुप्तप्राय मणिपुरी टट्टू को बचाने की पहल के लिए मणिपुर हॉर्स राइडिंग और पोलो एसोसिएशन की भी सराहना करता हूं.
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