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Assam: रहीम अली का 12 साल का संघर्ष बना मिसाल, परिवार को मिली भारत की नागरिकता

by Pooja Attri
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Assam: रहीम अली का 12 साल का संघर्ष बना मिसाल, परिवार को मिली भारत की नागरिकता

Assam News: असम में रहने वाले रहीम अली पिछले 12 सालों से भारत की नागरिकता पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते उनके संघर्ष को कामयाब बना दिया.

20 July, 2024

Assam News: सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते असम के नलबाड़ी में रहने वाले रहीम अली को भारत की नागरिकता देकर उनके संघर्ष को कामयाब बना दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रहीम के पूरे परिवार को बड़ी राहत मिल गई है. हालांकि नागरिकता मिलने का जश्न मनाने का मौका आने से पहले ही 2021 में रहीम अली दुनिया छोड़ चुके हैं.

साल 2012 का है यह मामला

रहीम अली का मामला 2012 का है जब असम में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने उन्हें विदेशी करार दे दिया था. तब से रहीम अली का संघर्ष ट्रिब्यूनल से हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक रहा. रहीम अली के घरवालों का कहना है कि फैसले से काफी खुश तो हैं लेकिन रहीम अली के जिंदा रहते फैसला न आने का दुख भी है. वहीं, रहीम अली के बेटे हमीदुर अली का कहना है कि हम खुश तो हैं लेकिन अब पापा नहीं हैं. हमें डॉक्यूमेंट्स मिल गए हैं जिससे रिलीफ मिली. इस सब में हम लोगों का ढाई लाख रुपया लग गया था. रहीम अली की पत्नी हजीरा बीबी ने बताया कि 12 साल हो गए. हमें एक नोटिस मिला और फिर मामला शुरू हुआ. ये मामला पहले गुवाहाटी और फिर सुप्रीम कोर्ट तक गया. अब आदेश आ गया है और कोर्ट ने उन्हें भारतीय नागरिक घोषित कर दिया है. ये अच्छी बात है लेकिन वो अब यहां नहीं हैं.

नागरिकता पाने की चुकानी पड़ी भारी कीमत

वकील अमीरुल इस्लाम बताते हैं कि नागरिकता लेने के लिए रहीम अली के परिवार को काफी कीमत चुननी पड़ी है. वकील अमीरुल इस्लाम का कहना है कि इनकी मिट्टी बिक गई. इनको अपनी 4 गाय बेचनी पड़ीं, जितनी भैंस थीं, बकरी थीं, सब बिक गईं. इसके अलावा जो गहना था वो भी बिक गया. इनका बेटा मजदूरी करता है, वहीं, रहीम अली भी मजदूरी करता था. ये सब करके सारा परिवार लुट गया, बर्बाद हो गया. रहीम अली कोर्ट के चक्कर लगाने के बाद धीर-धीरे बीमार होते गए. आज से 2-3 साल पहले 2021 में रहीम अली की मौत हो गई. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से रहीम अली के परिवार को राहत तो मिली है लेकिन 12 साल तक जन्मभूमि खोने से वे डरते रहे. घरवालों का कहना है कि अगर रहीम अली के जीवित रहते फैसला आ जाता तो उन्हें और ज्यादा खुशी होती.

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