Gaming Addiction In India: लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने शुक्रवार यानी 09 अगस्त को गेमिंग एप्लिकेशन की बढ़ती लोकप्रियता पर चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश के युवा इनके आदी हो रहे हैं, जो एक बड़ा चिंता का विषय है.
09 August, 2024
Gaming Addiction In India: आज के डिजिटल युग में हर कोई अपना ज्यादा से ज्यादा समय टेक्नोलॉजी और गेजेट्स के बीच ही बिताता है. ऐसे में सबसे ज्यादा बच्चे और किशोर इसका शिकार होते हैं. गेमिंग एडिक्शन भी इन्हीं समस्याओं में से एक है, जिसे लेकर लोकसभा में शून्यकाल के दौरान गेमिंग एडिक्शन का मुद्दा भी उठाया गया. लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि देश के 3.5 प्रतिशत किशोर गेमिंग विकार से पीड़ित हैं. साथ ही आगे कहा कि कई मामलों में इसने लोगों के लिए वित्तीय संकट भी पैदा कर दिया है.
‘जंगली रम्मी की बाजार में बड़ी हिस्सेदारी ‘
गेमिंग एडिक्शन के बढ़ते मामलों को देखते हुए श्रीकांत शिंदे ने कहा कि देश में ऑनलाइन गेमिंग की लत एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, खासकर जंगली रम्मी जैसे गेम के मामले में. इन रुझानों का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल युवाओं को प्रभावित करता है, बल्कि समाज के विभिन्न स्तरों पर नकारात्मक गहरी छाप भी छोड़ता है. साथ ही 2025 तक ऑनलाइन गेमिंग बाजार लगभग 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होगा. जंगली रम्मी की बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है, जिसमें सट्टेबाजी शामिल है. यह सारे बड़े मुद्दे युवाओं के भविष्य को खराब करते हैं.
कांग्रेस नेता ने भी उठाया गेमिंग एडिक्शन का मुद्दा
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर कहा कि पॉलिएस्टर फाइबर के आयात पर गैर-टैरिफ बाधा ने इसे देश में महंगा बना दिया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉलिएस्टर फाइबर की कीमत 80 रुपये प्रति यूनिट है, लेकिन भारतीय बाजार में यह 80 रुपये प्रति यूनिट बिकता है. पॉलिएस्टर फाइबर के व्यापार में साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाते हुए कार्ति चिदंबरम ने कहा कि गैर-टैरिफ बाधाएं रखी गई हैं जो फाइबर के आयात पर रोक लगाती हैं ताकि कुछ निर्माताओं को बचाया जा सके जो ऊंची कीमत से मुनाफा कमा रहे हैं.
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