Electronics Component Manufacturing Scheme: भारत अब वाकई इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया का नया चैप्टर लिखने की तैयारी कर रहा है. अब यहां टेक्नॉलॉजी और इन्वेस्टमेंट को साथ लेकर चला जाएगा.
17 November, 2025
Electronics Component Manufacturing Scheme: भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए सोमवार का दिन कुछ ज्यादा ही खास रहा. दरअसल, सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम यानी ECMS के तहत 7,172 करोड़ रुपये के निवेश वाले 17 बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे दी है. ये सिर्फ इन्वेस्टमेंट की अनाउंसमेंट नहीं, बल्कि भारत के उस सपने की मजबूत शुरुआत है जिसमें देश हाई-वैल्यू इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स का ग्लोबल हब बनने की तरफ बढ़ रहा है.
9 राज्यों के प्रोजेक्ट्स
इन 17 प्रोजेक्ट्स से आने वाले टाइम में 65,111 करोड़ रुपये के उत्पादन की उम्मीद है. यानी ये मंजूरी न सिर्फ इंडस्ट्री को नई रफ्तार देगी, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार और नए अवसर भी लेकर आएगी. इन प्रोजेक्ट्स का एक्सपेंशन लगभग 9 राज्यों में फैला है. इनमें कैमरा मॉड्यूल, मल्टी-लेयर PCB, कनेक्टर्स, ऑस्सिलेटर्स, इलेक्ट्रॉनिक एनक्लोजर्स जैसे कई खास कंपोनेंट शामिल हैं. मंजूर की गई कंपनियों में Jabil Circuit India, Aequs Consumer Products, Uno Minda, ASUX Safety Components India, Zetfab India, TE Connectivity India और Meena Electrotech जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स हब
इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, इन प्रोजेक्ट्स ने साबित कर दिया है कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का सफर सही दिशा में जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि, फ्यूचर में सक्सेस पाने के लिए भारत को डिजाइन टीमों को मजबूत करना होगा और हर उत्पाद में सिक्स सिग्मा क्वालिटी स्टैंडर्ड सुनिश्चित करना होगा. अश्विनी वैष्णव की मानें तो, स्वदेशी सप्लायर्स के साथ मजबूत पार्टनरशिप और बेहतरीन क्वालिटी सिस्टम्स ही आगे बढ़ने का असली मंत्र है. यही वजह है कि क्वालिटी सिस्टम्स इस स्कीम के इवैल्यूएशन का अहम हिस्सा होंगे.
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मजबूत सप्लाई चेन
अश्विनी वैष्णव ने ये भी बताया कि बदलती जियो-पॉलिटिक्स और जियो-इकोनॉमिक्स के दौर में चुनौतियां और बड़ी होती जाएंगी. ऐसे में सप्लाई चेन को मजबूत करना और उत्पादन पर कंट्रोल बढ़ाना भारत के लिए बहुत खास होगा. यही मजबूती भारत के कॉम्पटीशन लेवल को तय करेगी. सरकार जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए नया स्किलिंग फ्रेमवर्क भी लाने वाली है, जिससे नई जेनेरेशन को इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा.
ECMS स्कीम
इन 17 नए प्रोजेक्ट्स की मंजूरी के साथ ECMS स्कीम के तहत कुल 24 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी मिल चुकी है. ये भारत की तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रॉनिक्स क्षमता का संकेत है. कहा जा सकता है कि हमारा देश सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का कंज्यूमर नहीं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर एक मजबूत मैन्युफैक्चरर बनने की दिशा में आगे बढ़ चुका है.
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