चिली की प्रमुख तांबा कंपनी के विशेषज्ञों की टीम विभिन्न खनन क्षेत्रों का आकलन करने के लिए देश भर में सभी एचसीएल इकाइयों का दौरा कर रही है.
Kolkata: हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) अपने तांबा उत्पादन को और बढ़ाएगा. क्योंकि यह वित्त वर्ष 2030-31 तक अपनी खनन क्षमता को 3.47 मिलियन टन से बढ़ाकर 12 मिलियन टन प्रति वर्ष करना चाहती है. इसके लिए कंपनी ने दुनिया की सबसे बड़ी तांबा उत्पादक कंपनी कोडेल्को (चिली) के साथ साझेदारी की है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि कोलकाता स्थित पीएसयू ने उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए चिली के कोडेल्को के साथ साझेदारी की है. एचसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिंह ने पीटीआई को बताया कि हमने गहन खनिज की खोज करने के लिए कोडेल्को के साथ एक रणनीतिक साझेदारी की है. हमारे प्रमुख खनन स्थलों पर कोडेल्को के प्रतिनिधियों का दौरा हमारी क्षमताओं को उन्नत करने के प्रयासों का हिस्सा है.
चिली के विशेषज्ञों की टीम भारत दौरे पर
चिली की प्रमुख तांबा कंपनी के विशेषज्ञों का तीन सप्ताह का दौरा वर्तमान में चल रहा है, जिसके दौरान टीम विभिन्न खनन और परिचालन पहलुओं का आकलन करने के लिए देश भर में सभी एचसीएल इकाइयों और कार्यालयों का दौरा कर रही है. यह घटनाक्रम पिछले दिसंबर में प्रस्तुत अपनी प्रदर्शन लेखा परीक्षा रिपोर्ट में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की तीखी आलोचना की पृष्ठभूमि में हुआ है. अधिकारी ने कहा कि एचसीएल की विस्तार योजना का केंद्र मध्य प्रदेश में मलंजखंड कॉपर प्रोजेक्ट (एमसीपी) है, जहां कंपनी ने भूमिगत खनन में अपना काम पूरा कर लिया है. अब प्रगति में तेजी लाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी तांबा उत्पादक कोडेल्को से तकनीकी विशेषज्ञता पर निर्भर है.
HCL विकसित करेगी तांबा ब्लाक
उन्होंने कहा कि यह चिली में तांबा ब्लॉक विकसित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाने की संभावना का पता लगाएगा. सीएजी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया था कि वित्तीय रूप से कमजोर और ब्लैक लिस्टेड फर्म को मलांजखंड के लिए 1,176 करोड़ रुपये का ठेका देने से 1,051 करोड़ का संभावित राजस्व नुकसान हुआ. इसमें कहा गया है कि लागत में 538 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है, जिसे अनुचित भुगतानों ने और बढ़ा दिया है. पिछली चुनौतियों के बावजूद मलांजखंड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 2.73 मिलियन टन का अपना अब तक का सबसे अधिक वार्षिक भूमिगत अयस्क उत्पादन दर्ज किया, जो इसके लक्ष्य से 3 प्रतिशत अधिक है.
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