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ध्यान दें करदाताः फॉर्म 16 से मेल नहीं खा रहे दावे तो रुक सकता है आयकर रिफंड, विभाग ने शुरू की जांच

by Sanjay Kumar Srivastava
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Income Tax

Income Tax: अगर आप वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रिफंड का दावा कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि रिटर्न में किए गए छूट के दावे और नियोक्ताओं द्वारा दी गई जानकारियां मेल खाती हों, नहीं तो आप रिफंड से वंचित हो सकते हैं.

Income Tax: अगर आप वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रिफंड का दावा कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि रिटर्न में किए गए छूट के दावे और नियोक्ताओं द्वारा दी गई जानकारियां मेल खाती हों, नहीं तो आप रिफंड से वंचित हो सकते हैं. बताया जाता है कि काफी वेतनभोगी करदाताओं को अपने आयकर रिटर्न में लंबे समय से रुकावट का सामना करना पड़ रहा है. आयकर विभाग ने उन करदाताओं के रिफंड प्रोसेसिंग को रोक दिया है, जिनकी जानकारियां नियोक्ताओं द्वारा फॉर्म 16 में दी गई वेतन जानकारी से मेल नहीं खाते हैं. आयकर विभाग द्वारा करदाताओं को सीधे भेजे गए ईमेल में चेतावनी दी गई है कि असामान्य रूप से अधिक रिफंड के दावों के कारण विभाग ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है. इस सूचना में आयकर रिटर्न में दावा की गई छूट और फॉर्म 16 में दिए आंकड़ों के बीच काफी विसंगतियों की बात कही गई है. विभाग के अनुसार, ऐसी विसंगतियों के कारण रिफंड की राशि काफी बढ़ गई है. आयकर विशेषज्ञों ने बताया कि रिफंड प्रक्रिया रोक दी गई है. इसे रद्द नहीं किया गया है.

संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर

विशेषज्ञों ने कहा कि आयकर दाताओं द्वारा विसंगति का समाधान या स्पष्टीकरण दिए जाने पर रिफंड प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी. आयकर विशेषज्ञों ने बताया कि कर विभाग द्वारा प्राप्त वित्तीय आंकड़ों और आयकर रिटर्न में दी गई जानकारी में भिन्नता होने पर करदाताओं को E-Mail या SMS भेजा जाता है. रिटर्न दाखिल करते समय करदाताओं को सलाह दी गई है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि मकान किराया भत्ता, अवकाश यात्रा भत्ता, शिक्षा शुल्क या अन्य कटौतियां जैसी सभी दावे सही हो और नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म 16 में दर्शाई गई हों. आयकर विशेषज्ञों ने बताया कि यदि कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसका मतलब ये नहीं कि विभाग निष्क्रिय है. इसके बाद मामले की अधिक विस्तृत जांच होने की संभावना और बढ़ जाती है. विशेषज्ञों ने कहा कि इसका उद्देश्य करदाताओं को जुर्माने के परिणामों से अवगत कराना है. आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 निर्धारित की है.

गलत फार्म सुधारने को बचे महज 9 दिन

जिन करदाताओं ने गलत फार्म भरा है, वे इसे समय सीमा के भीतर सुधार सकते हैं. करदाताओं को पहले से देय कर के अलावा कोई अतिरिक्त कर नहीं देना होगा. यदि करदाताओं ने पहले से ही संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया है, तो उन्हें दोबारा दाखिल करने की जरूरत नहीं है. आयकर विशेषज्ञों ने बताया कि जिन लोगों को ऐसा E-Mail या SMS प्राप्त होता है, उन्हें ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करके अपने आयकर रिटर्न (ITR) की फॉर्म 16 और फॉर्म 26 AS से एक-एक लाइन चेक करनी चाहिए. यदि दावा सही है और दस्तावेज पूरे हैं, तो सुधार की आवश्यकता नहीं होगी और करदाता को रिफंड के पूरे चांस होंगे. यदि दावे और दस्तावेज भिन्न हैं तो जल्द से जल्द संशोधित रिटर्न दाखिल करना अधिक सुरक्षित विकल्प है. विशेषज्ञों ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है तो 1 जनवरी 2026 से उसे अनिवार्य रूप से अद्यतन रिटर्न दाखिल करना होगा. कुछ मामलों में जुर्माना भी लग सकता है.

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