सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में निर्देश दिया है कि स्कूलों को नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और सही उपस्थिति रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए.
New Delhi: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों को बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीएसई परीक्षा उपनियमों के अनुसार, बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है. सीबीएसई केवल चिकित्सा आपात स्थिति, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी और अन्य गंभीर कारणों जैसी आपात स्थितियों में ही 25 प्रतिशत की छूट प्रदान करता है, बशर्ते आवश्यक दस्तावेज़ या रिकॉर्ड उपलब्ध हो. अधिकारियों ने कहा कि सभी छात्रों और अभिभावकों को अनिवार्य 75 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यकता मानदंड और इस मानदंड को पूरा न करने के संभावित परिणामों से अवगत कराया जाना चाहिए.
उपस्थिति रिकॉर्ड अधूरा मिलने पर रद्द होगी मान्यता
कहा कि कोई भी छात्र, यदि चिकित्सा या किसी अन्य कारण से छुट्टी पर है, तो उसे छुट्टी लेते समय उचित चिकित्सा और अन्य दस्तावेज़ों के साथ स्कूल में छुट्टी के लिए आवेदन करना होगा. सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने स्कूलों को लिखे एक पत्र में निर्देश दिया है कि स्कूलों को नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए और सही उपस्थिति रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए. उपस्थिति रजिस्टर को प्रतिदिन अद्यतन किया जाना चाहिए. कक्षा शिक्षक और स्कूल के सक्षम प्राधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए और सीबीएसई द्वारा निरीक्षण के लिए आसानी से उपलब्ध होना चाहिए. बोर्ड छात्रों की उपस्थिति रिकॉर्ड की पुष्टि के लिए औचक निरीक्षण कर सकता है. भारद्वाज ने कहा कि ऐसे निरीक्षणों के दौरान अगर यह पाया जाता है कि रिकॉर्ड अधूरे हैं या छात्र नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं, तो स्कूल पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उसकी मान्यता रद्द करना भी शामिल है. छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
स्पोक स्कूल मॉडल का शुभारंभ
उधर, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गुरुवार को शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए दो प्रमुख पहलों करियर मार्गदर्शन डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एवं स्पोक स्कूल मॉडल का शुभारंभ किया. अधिकारियों ने बताया कि इन पहलों का उद्देश्य करियर मार्गदर्शन के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत करना और छात्रों के बीच समग्र मनो-सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना है. सीबीएसई के अध्यक्ष राहुल सिंह ने शुभारंभ अवसर पर कहा कि दोनों पहल स्कूलों और छात्रों के लाभ के लिए बनाई गई हैं. कहा कि हितधारकों के सक्रिय इनपुट के माध्यम से विकसित होती रहेंगी. अभिविन्यास-सह-संवाद सत्र के दौरान विशेषज्ञ टीमों ने करियर मार्गदर्शन डैशबोर्ड का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जिसमें इसके उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस, प्रमुख विशेषताओं और छात्रों, शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर प्रकाश डाला गया.
ये भी पढ़ेंः राजधानी में निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगेगा लगाम! विधानसभा में पेश हुआ नया विधेयक
